नई दिल्लीः बॉलीवुड अभिनेता नसीरुदुद्दीन शाह और शबाना आज़मी समेत देशभर की 100 जानी-मानी मुस्लि’म शख्सियतों ने अयोध्या पर आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिला’फ पुनर्विचार याचिका दायर करने का सोमवार को विरोध किया है। आपको बता दें इन शख्सियतों ने कहा है कि रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले के कुछ पक्षकारों का पुनर्विचार याचिका दायर करने के फैसला विवा’द को जिं’दा रखेगा और ये देश भर के मुसलमानो को नुकसान पहुंचाएगा।
आपको बता दें एक समूह की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस विरो’ध में चर्चित इस्लामिक विद्वान, सामाजिक कार्यकर्ता, वकील, पत्रकार, व्यापारी, कवि व छात्र आदि शामिल हैं। उन्होंने बयान पर हस्ताक्षर भी किए हैं। इस बयान में बताया गया है कि हम इस तथ्य पर भारतीय मुस्लि’म समुदाय, सं’वैधा’निक विशेष’ज्ञों और ध’र्मनिरपे’क्ष संगठनों की नाखुशी को साझा करते हैं कि देश की सर्वोच्च अदालत ने अपना फैसला करने के लिए कानून के ऊपर आस्था को रखा है।
बाबरी मस्जिद और अयोध्या फैसले पर देश की जानी-मानी हस्तियों ने दी प्रतिक्रिया
लेकिन हमारा मजबूती से मानना है कि अयोध्या विवाद को जीवित रखना भारतीय मुसलमा’नों को नुकसान पहुंचाएगा और उनकी मदद नहीं करेगा। बयान पर दस्तखत करने वालों में शाह, आजमी, फिल्म लेखक अंजुम राजबली, पत्रकार जावेद आनंद समेत कई दिग्गज हस्तिया शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए अयोध्या में स्थित विवा’दित जमी’न रामलला को सौंप देनी को कहा था। साथ ही केंद्र सरकार को निर्देशित दिया थस की वह अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दे।
RSS after ‘02 Gujarat riots: “real safety lies in goodwill of majority”
‘Renowned’ Ms in ‘19: we “stand to gain goodwill & empathy of non-communal majority”We’ve a Constitution that promises Justice. I want justice, not goodwill #ThankYouDrAmbedkarhttps://t.co/vV1SQDBnSk
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) November 26, 2019
बता दें 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व उलमा-ए-¨हिंद ने 17 नवंबर को घोषणा की थी कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिला’फ वह पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे जिसके बाद पुनर्विचार याचिका दाखिल करने को लेकर कई बैठक हुई लेकिन अभी तक मुस्लि’म पक्ष किसी ठोस निर्णय पर नहीं पंहुचा।
वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद (अरशद मदनी गुट) ने शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ पुर्निवचार याचिका दायर करने का निर्णय किया है।