जैसा की हम जानते हैं कि कुछ दिनों पहले बॉलीवुड के कुछ बड़े अभिनेताओं समेत कई बड़ी हस्तियों के द्वारा प्रधानमंत्री को लिं’चिं’ग को लेकर पत्र लिखा गया था जिसके चलते केंद्रीय सरकार ने उन 49 बड़ी हस्तियों के खिला’फ दे’शद्रो’ह का मामला दर्ज करवा कर अपने ऊपर से उस पत्र की जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा लिया है लेकिन अब उन 49 लोगों पर दर्ज हुए मामले को लेकर लगभग 180 बड़ी हस्तियां अब उनके समर्थन में उतर आयी हैं| बता दें कि इन 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिर्फ पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने मॉब लिं’चिं’ग की बढ़ती घट’नाओं की निं’दा की थी।
अब इन 49 हस्तियों के समर्थन में इतिहासका’र रोमिला थापर, सिनेमेटोग्राफर आनंद प्रधान अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, एक्टिविस्ट हर्ष मंदर समेत 180 से अधिक सदस्य उतर आये हैं साथ ही इन सब ने उस कार्रवाई की निंदा की है जिसके तहत 49 हस्तियों पर रा’जद्रो’ह का माम’ला दर्ज किया गया है।
बता दें कि सोमवार को जारी किए गए नए पत्र में प्रमुख हस्तियों ने सवाल किया है कि प्रधानमंत्री को खुले तौर पर लिखे गए पत्र को राजद्रोहा का मामला कैसे बना दिया है। वहीँ हाल में ही सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा था कि सरकार की आलोचना करने पर राजद्रोह के आरोप नहीं लगाए जा सकते।
जानकारी के मुताबिक़ 180 से अधिक हस्तियों ने पत्र में कहा कि सांस्कृतिक समुदाय में हमारे 49 सहयोगियों के खिला’फ मामला दर्ज किया गया है। केवल इसलिए क्योंकि समाज के जिम्मेवार नागरिक के तौर पर उन्होंने आवाज उठाई। देश में हो रही मॉब लिं’चिं’ग पर चिं’ता जताते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री को खुले तौर पर पत्र लिखा था। क्या इसे राजद्रोह का मामला कहेंगे? क्या अदालतों का दुरुपयोग करके लोगों की आवाज को चुप कराना प्रताड़ना नहीं है?
आपको बता दें कि इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में लेखक अशोक वाजपेयी और जेरी पिंटो, इरा भास्कर, कवि जीत थायिल, लेखक शम्सुल इस्लाम, संगीतकार टीएम कृष्ण और फि’ल्ममे’कर-एक्टिवि’स्ट सबा दिवान शामिल हैं।
साथ ही इन सबका कहना है कि अब हम हर दिन मॉब लिं’चिं’ग, लोगों की आवाज को चुप कराने और उन्हें प्रताड़ित करने के लिए अदालतों के दुरुपयोग के खिला’फ बोलेंगे। हमारे सहयोगियों ने जो पत्र प्रधानमं’त्री को लिखा उसके हरेक शब्द का हम समर्थन करते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि प्राथमिकी 3 अक्टूबर को दर्ज कराई गई थी जिसमें इन 49 शख्सिय’तों में मणि रत्नम, अनुराग क’श्यप, श्याम बेनेगल, सौमित्र चटर्जी और शुभा मुद्गल पर देश की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाकर माम’ला द’र्ज किया गया था।