रमज़ान के पाक माह के अंतिम दिनों के बीच मक्का में सऊदी अरब द्वारा आपातकालीन बैठक बुलाई गई. मक्का में दो पवित्र मस्जिदों के कस्टोडियन किंग सलमान ने गुरुवार को एक आपातकालीन अरब सम्मेलन बुलाया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस महीने खाड़ी देशों की तेल की संपत्ति पर हम’ले किये जा रहे हैं.
यह हम’ले ईरान की तरफ से किये जा रहे है. क्षेत्र में पिछले कुछ समय से ईरानी दखलंदाजी में वृद्धि हुई है अब इसे रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने की आवश्यकता हैं.

सम्मेलन के दौरान किंग सलमान ने कहा कि पूर्वी यरूशलेम के साथ एक स्वतंत्र राज्य की राजधानी के रूप में स्थापित होने तक फिलिस्तीनी कारण अरब दुनिया की सर्वोच्च प्राथमिकता में रहेगें.
वहीं इससे पहले किंग सलमान ने गल्फ काउंसिल कोऑपरेशन के नेताओं की एक बैठक के दौरान चेतावनी देते हुए कहा था कि ईरान के परमाणु और मिसा’इल क्षमताओं के विकास और दुनिया भर में तेल आपूर्ति की उसकी ध’मकी से क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए ख’तरा पैदा हो सकता हैं.
किंग सलमान ने व्यापक अरब सभा से बातचीत में बताया कि ईरानी व्यवहार के खिलाफ एक दृढ़ निरोध की अनुपस्थिति ने हमें आज यह वृद्धि दिखाई है. सऊदी अरब और यूएई ने संयुक्त रूप से कहा है कि वो किंगडम में तेल पंपिंग स्टेशनों पर ड्रोन ह’मले और यूएई तट से टैंकरों की तोड़फोड़ को लेकर युद्ध से बचना चाहते हैं.
इस दौरान सऊदी ने तेहरान पर ड्रोन ह’मलों के लिए आदेश देने का आरोप लगाया. उनका दावा है कि यह हम’ले यमन के ईरान-गठबंधन हौथी समूह ने किये थे.
किंग सलमान ने ईरान को चेतावनी देते हुए अरब मामलों में दखल ना देने की सलाह दी. साथ ही ईरानी दखल को रोकने के लिए वैश्विक समुदाय से आग्रह करते हुए कहा कि राज्य क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए यु’द्ध के संकट को रोकने और शांति और स्थिरता का एहसास करने के लिए उत्सुक है.