कौन कहता है आसमान में सुराग नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो जी हां इस लाइन को सच कर दिखाया है 28 साल के मोइन खान ने जो एक पिज्जा डिलीवरी ब्वॉय से पुलिस अफसर बन गए डिलीवरी बॉय की यूनिफार्म की जगह अब मोइन की पुलिस अफसर की रौबदार वर्दी ने ले ली है। मोइन के सब इंस्पेक्टर बनने की कहानी बड़ी रोचक है। लोगों के घर जाकर पिज्जा पहुंचाते हुए ही मोइन खान ने पुलिस अफसर बनने और अपने कंधों पर चमकते सितारों को सजाने का सपना देखा था कड़ी मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़ते रहे और आज मोइन का वो सपना सच हो गया और अब वो पिज्जा की डिलीवरी नहीं करेंगे बल्कि अपराधियों को हवालात पहुंचाएंगे।
जम्मू-कश्मीर के 28 साल के मोइन खान बतौर पिज्जा डिलीवरी बॉय के रूप में काम करते थे घर-घर जाकर, डोर बेल बजाकर पिज्जा की डिलीवरी करने वाले मोइन खान आज पुलिस अफसर बन चुके हैं। यही नहीं उन्होंने पैसे कमाने के लिए राशन की दुकान पर काम किया तो कभी गाड़ियों की धुलाई का काम किया करते थे मोइन ने यह साबित कर दिखाया यदि आप मेहनत करने से नहीं भागते तो देर सबेर कामयाबी आपके कदम जरूर चूमती है।
अपनी इस सफलता पर मोइन खान बताते हैं कि मैं जम्मू कश्मीर के नगरोटा के थंडा पानी गांव का रहने वाला हूँ। अपने परिवार में ग्रेजुएशन करने वाला में इकलौता इंसान हूँ। एक भाई बीमार है जिसका इलाज चल रहा है। और मेरे पिता मोहम्मद शरीफ का गुजरात में एक्सीडेंट हो गया था, वहां उन्होंने ढाबा खोला हुआ था जिसके बाद परिवार की जिम्मेदारी पूरी मुझ पर आ गई। इसके बाद उन्होंने कॉरेस्पोंडेंस से ग्रेजुएशन की और पिज्जा डिलीवरी की नौकरी मिली।
डिलीवरी बॉय मोइन खान ने इस दौरान बहुत मेहनत की। वह शाम 6 बजे से रात 2 बजे तक पिज्जा हट में वेटर की नौकरी किया करते थे और दिन में कार वॉश करने के साथ-साथ एक ग्रॉसरी शॉप पर हेल्पर का काम मोइन ने सात साल तक यही किया शाम को बीबीए की पढ़ाई करते थे और दिन में काम करते थे। इस दौरान उन्होंने कई और काम भी किये और यह सिलसिला लगातार तीन सालों तक चला।
इस संघर्ष भरे जीवन में उनकी मदद एक इंसान ने की और वह हैं आईपीएस ऑफिसर संदीप चौधरी थे। बता दें संदीप ऑपरेशन ड्रीम नाम का एक कोचिंग सेंटर चलाते हैं। संदीप जम्मू कश्मीर के शोपिया में बतौर एसएसपी तैनात हैं। वह अपने कोचिंग सेंटर के जरिए कमजोर वर्ग के ऐसे लोगों को जो पुलिस ऑफिसर बनने का सपना रखते हैं, को कोचिंग देते हैं।
मोइन को जैसे ही संदीप की इस कोचिंग के बारे में पता चला तो उन्होंने साल 2016 में सब इंस्पेक्टर पड़ के लिए फॉर्म भरा और कोचिंग में एडमिशन ले लिया और आज वह पुलिस अफसर हैं। संदीप की कहानी ऐसे कई सारे लोगों को प्रेरित करती है जो मेहनत से अपने सपनो को साकार करने में विश्वास रखते हैं।