नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी बीजेपी शासित झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला जेल में चो’र बताकर मु@स्लिम नोजवान तबरेज अंसारी की मौ@त के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो पुलिस अधिकारियों खरसावां थाना प्रभारी चंद्रमोहन उरांव व सीनी ओपी प्रभारी विपिन बिहारी सिंह को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। दोनों पर लापरवाही बरतने व अपने वरीय पदाधिकारी की सूचना नहीं देने का आरोप है। वहीं अब तक इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने इस मामले की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी है।
सरायकेला के नवपदस्थापित पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस ने तबरेज की मौ@त की पुष्टि की है। उन्होंने बताया है कि 18 जून को सरायकेला थाना क्षेत्र के धातकीडीह गांव में चोर बताकर युवक की पि’टाई की गई थी. इसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने चो’री के आरोप में युवक को गिरफ्तार कर 19 जून को जेल भेज दिया था।
24 साल के तबरेज खरसावां थाना क्षेत्र के कदमाडीहा गांव के रहने वाले थे, इस बीच जेल में युवक की तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया सदर अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए टाटा मेन हॉस्पिटल रेफर किया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृ@त घोषित कर दिया. तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन कर तबरेज अंसारी के श@व का पोस्टमार्टम कराया गया है।
वही सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के मुताबिक भीड़ द्वारा कथित तौर पर तबरेज को जय श्री राम और ‘जय हनुमान’ का लगाने के लिए मजबूर किया गया और इस दौरान उसकी बे’रहमी से पि’टा’ई की गई। वहीं, पुलिस सूत्रों के अनुसार पहले अंसारी ने खुद को सोनू बताकर बचने की कोशिश की। इसके बाद हालांकि उसने अपना असली नाम बता दिया।
वही तबरेज अंसारी की पत्नी शाइस्ता ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि तबरेज जमशेदपुर से खरसावां गावं से लौट रहे थे. इस बीच धातकीडाह में भी’ड़ ने उनसे नाम पूछा और चो’री का आरोप लगाकर पिटाई की शाइस्ता ने प्राथमिकी में बताया है कि चोरी का झू’ठा आरोप लगाया गया. और बांध कर रात भर पी’टा गया इससे उन्हें अंदरूनी चोटें पहुंची.इसके बाद भी पुलिस ने तबरेज को चोर बताकर अस्पताल ले जाने की वजाए जेल भेज दिया।
अब ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखण्ड प्रभारी सैयद आसिम वक़ार ने ऐलान किया है कि मॉब लिंचिंग का शिकार हुए तबरेज अंसारी के परिवार को उनकी पार्टी की तरफ से 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता की जायेगी, तथा मुकदमे का पूरा खर्चा भी उठाएगी।
द इंक़लाब डॉट कॉम से बातचीत के दौरान आसिम वक़ार ने कहा कि हम ऐसे नफरत फैलाने वालों के खिलाफ हमेशा डटकर खड़े रहेंगे और मज़लूम को इंसाफ दिलाकर रहेंगे।