नई दिल्ली: देश कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है. कोरोना वायरस की म’हामा’री से बचने के लिए देश में 3 मई तक का लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में समाज के हर वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति इन दिनों डगमगा चुकी है. सड़कें गलियां स्कूल कॉलेज मॉल और सभी धार्मिक स्थल वी’रान हो गए हैं. इसके बावजूद कोरोना वायरस की च’पेट में आने वाले लोगों की संख्या और म’रने वालों का अकड़े थमने का नाम नहीं ले रहा है।
बता दें इस लॉकडाउन दौरान लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा गया है. वही अगले सप्ताह से मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान भी शुरू होने वाला हैं. तबलीगी जमात के मामले सामने आने के बाद सरकार धार्मिक आयोजनों और समारोह को लेकर काफी सख्त हो गई है।
इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने रमजान के दौरान लोगों से तरावीह की नमाज घर में ही रेहकर पड़ने की अपील की है।
उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, कि जामिया निजामिया के एक बयान में हैदराबाद के मुफ्तियों और उलेमाओं ने अपील की है कि रमजान के आने वाले महीने के दौरान घर में ही तरावीह पेश की जाए. बेशक, ये दिशा निर्देश केवल तेलंगाना और आंध्रप्रदेश पर लागू नहीं होते हैं, बल्कि पूरे भारत में इनका सख्ती से पालन किया जाना है।
In a statement from Jamia Nizamia, Hyderabad Muftis & Ulemas of all Schools of Thought have appealed that taraweeh be offered at home during the coming month of #Ramzan. Of course, these guidelines do not just apply to Telangana & AP, they are to be strictly followed across India pic.twitter.com/j5MGuhqX3b
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 16, 2020
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की महा’मा’री के चलते इस समय धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया है और यहां लोगों को एकत्रित होने से रोकने के निर्देश हैं. लोगों के एकत्र होने से कोरोना वायरस का सं’क्रम’ण फैलने का खत’रा है. इससे पहले, इसी शबे-बारात के दौरान भी मुस्लिमों से मस्जिद और कब्रिस्तान के बजाय घर में ही इबादत करने की अपील की गई थी।
वही दूसरे धर्म के लोगों से भी धार्मिक स्थलों पर एकत्रित न हो इसके लिए भी अपील की गई है. गौरतलब है कि कोरोनावायरस का सं’क्रम’ण भारत में लगातार पांव पसारता ही जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 13387 हो गई है।