अलीगढ़: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में भ’ड़का’ऊ भाषण देने के आरोपी डॉ कफील खान पर योगी सरकार ने NSA के तहत कार्रवाई की है। सीएए पर भ’ड़का’ऊ भाषण देने के मामले में कोर्ट द्वारा जमानत मिलने के बाद वह शुक्रवार को जेल से रिहा होने वाले थे लेकिन उससे पहले ही योगी सरकार ने उनके खि’लाफ रासु’का के तहत कार्रवाई कर दी है।
वही यूपी सरकार की इस कार्रवाई पर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने डॉक्टर कफील खान का समर्थन करते हुए यूपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने डॉक्टर कफील पर लगाए गए रा’सुका की निंदा की और ट्वीट करते हुए योगी पर ह’मला बोला है।
ओवैसी ट्वीट करते हुए सवाल उठाया है। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक डॉक्टर नहीं, बल्कि ठो’क देंगे जैसे बयान देने सीएम राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
ओवैसी ने अपने ट्वीट के जरिए कफील की रिहाई की मांग भी की है और एनएस को खत्म करने की भी मांग की है। बता दें कि देशभर में सीएए के विरोध में एनएसए तामील किए जाने की यह पहली कार्यवाही है।
In UP, NSA has been repeatedly used by Yogi to target & persecute Dalits, Muslims & dissidents. A doctor is not a threat to national security. A CM saying “thok denge” & “boli nahi toh goli” is definitely a threat to national security#RepealNSA #ReleaseDrKafeel
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 14, 2020
बता दें कि डॉ. खान शुक्रवार को जमानत पर रिहा होने वाले थे। इसी मामले में जमानत मिलने के बाद 10 फरवरी के बाद उनकी रिहाई की तैयारी थी। सुबह होते ही जब उनकी रिहाई की तैयारी की जा रही थी। तभी अलीगढ़ प्रशासन की तरफ से NSA की कार्रवाई का नोटिस मथुरा जिला कारागार को मिला। इसके बाद खान की रिहाई को रोक दिया गया।
क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
रा’सुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 देश की सुरक्षा के लिए सरकार को किसी भी व्यक्ति को बिना किसी धा’रा के हिरासत में रखने की पावर देता है। यह अधिकार केंद्र और राज्य सरकार दोनों को समान रूप से मिले हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा लगाकर किसी भी व्यक्ति को एक साल तक जेल में रखा जा सकता है, हालांकि तीन महीने से ज्यादा समय तक जेल में रखने के लिए एडवाइजरी बोर्ड की मंजूरी लेनी पड़ती है। राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ख’तरा होने और कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के आधार पर रासुका लगाई जा सकती है।