Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद में ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि तीन चार महीने के अंदर केंद्र सरकार ट्रस्ट की स्थापना के लिए योजना तैयार करे। उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में विवादित जमीन को मंदिर के लिए सौंपने का फैसला दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने कहा है कि अयोध्या में 5 एकड़ जमीन का एक भूखंड सुन्नी वक्फ बोर्ड यानि मुस्लि’म पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए दिया जाए।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या मामले में सप्रीम कोर्ट के मुस्लि’म पक्ष को पांच एकड़ जमीन देने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि देश के मुसलमानो को 5 एकड़ जमीन के लिए खैरात की जरूरत नहीं।
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा की में इस फैसले से खुश नहीं हूं। उच्चतम न्यायालय वास्तव में सर्वोच्च है लेकिन ऐसा नहीं कि उससे कोई चूक नहीं हो सकती। हमें संविधान पर पूरा यकीन है। हम अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं। और आगे भी लड़ते रहेंगे हमें दान के रूप में पांच एकड़ की जमान नहीं चाहिए। हमें इस 5 एकड़ भूमि के प्रस्ताव को अस्वीकार करना चाहिए।
मीडिया से बात करते हुए ओवैसी ने कहा की मेरी राय में पांच एकड़ जमीन नहीं लेनी चाहिए। मुस्लि’म आवाम इतनी मजबूत है कि वह खुद उत्तर प्रदेश में कहीं भी जमीन के लिए पैसा इकट्ठा कर एक बड़ी मस्जिद बना सकती है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान का मुसलमा’न इतना गया गुजरा नहीं है कि वो 5 एकड़ जमीन नहीं खरीद सकता। हमें खैरात में जमीन नहीं चाहिए।
Asaduddin Owaisi: Not satisfied with the verdict. Supreme Court is indeed supreme but not infallible. We have full faith in the constitution, we were fighting for our right, we don’t need 5 acre land as donation. We should reject this 5 acre land offer, don’t patronize us. pic.twitter.com/wKXYx6Mo5Q
— ANI (@ANI) November 9, 2019
वही ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद की जगह पर मंदिर बनाने का अधिकार उन्हें दे दिया गया जिन लोगों ने 1992 में मस्जिद का ढांचा गिराया था। पर्सनल लॉ बोर्ड को जमीन लेने से इनकार कर देना चाहिए। हम अपनी लीगल राइट के लिए लड़ रहे थे। हमें किसी से भीख की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि मस्जिद की जमीन का कोई सौदा नहीं किया जा सकता। ओवैसी ने मुस्लि’म पर्सनल लॉ बोर्ड को इस पर विचार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अगर बाबरी मस्जिद नहीं टूटती तो उच्चतम न्यायालय क्या फैसला लेता? साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा चुनावों में इन चीजों का इस्तेमाल करेगी।
साभार: जनसत्ता