सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान हाल ही में दो दिवसीय दौरे पर भारत आए थे. इस दौरान शहज़ादे मोहम्मद बिन सलमान का राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया था. यह क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की पहली आधिकारिक भारत यात्रा थी. इस दौरान पीएम मोदी ने सलमान का स्वागत जोरदार तरीके से किया था. इसके बाद युवराज मोहम्मद बिन सलमान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच लंबी बातचीत चली थी. इस दौरान कई बड़े फैसले लिए गए थे.
अब सऊदी अरब ने एक और बड़ा फैसला लिया है जो भारत के विकास की गति को बढ़ाने वाला माना जा रहा है. सऊदी अरब कच्चे तेल की आपूर्ति के लिये भारत को क्षेत्रीय केंद्र बनाने पर विचार कर रहा है. सऊदी ने फैसला लिया है कि भारत में भंडारण सुविधाओं के निर्माण तथा रिफाइनरी को सुदृढ़ करने के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया जाएगा.

सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के प्रतिनिधिमंडल में शामिल विदेश मंत्री अदेल बिन अहमद अल-जुबेर ने इसे लेकर जानकारी देते हुए कहा कि सऊदी अरब भारत को बढ़ती आर्थिक शक्ति के रूप में देखता है और उसकी आगे की वृद्धि को लेकर आशावान है.
इस पहले पिछले हफ्ते ही सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने कहा था कि हम भारत को क्षेत्र में कच्चे तेल की आपूर्ति का एक केंद्र बनाने पर गौर कर रहे हैं. सऊदी यहां भंडारण सुविधाएं बनाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है. हम रिफाइनरी और वितरण तथा विपणन क्षेत्र पर भी गौर कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि हम ऐसी ढांचागत सुविधा के लिए निवेश कर रहे हैं जो भारत को पेट्रोलियम उत्पादों के आयात और निर्यात के काबिल बना सके. हाल ही में सऊदी अरब ने ऐलान किया कि दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी सऊदी अरामको महाराष्ट्र में 44 अरब डॉलर की लागत से एक संयुक्त उद्यम के तहत बनने वाली रिफाइनरी परियोजना में भागीदार होगी.
बता दें कि यह दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी जिसका निर्माण एक बार में किया जाएगा. अल-जुबेर ने कहा कि हम भारत के साथ मिलकर 44 अरब डॉलर की लागत से सबसे बड़ी रिफाइनरी परिसर बनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि हम भारत को एक बढ़ती आर्थिक शक्ति और अवसरों वाले देश के तौर पर देख रहे है.