झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी बीजेपी को तग’ड़ा झट’का लगा है बता दें झारखंड में 19 सालों तक भाजपा के साथ चली ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन आजसू से गठबंध’न टू’ट गया है. अब बीजेपी झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव में अकेले उतरेगी. दरअसल दोनों पार्टियों में सीट बंटवारे पर सहमति न बनने के बाद यह गठबंध’न टू’टा। भाजपा ने राज्य की कुल 81 विधानसभा सीटों में से 53 प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है, जबकि आजसू ने भी 12 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
बता दें कि यह पहली बार होगा जा भाजपा सुदेश महतो के ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के बिना झारखंड का विधानसभा चुनाव लड़ेगी. जहां तक आंक’ड़ों का सवाल है जब 2000 में झारखंड नया राज्य बना तब भारतीय जनता पार्टी और आजसू गठबंधन एक साथ आया था।
बता दें 53 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी बीजेपी बाकी 27 सीटों पर भी अपना उम्मीदवार उतारेगी. वहीं एक निर्दलीय उम्मीदवार का पार्टी समर्थन करेगी. बता दें कि बीजेपी और आजसू के बीच सीट बंटवारे पर बात नहीं बन पा रही थी, जिसके बाद पार्टी ने गुरुवार को फैसला लिया कि झारखंड में अकेले चुनावी मैदान में उतरेंगे।
आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो की मांग पर बीजेपी तैयार नहीं है. वही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, कार्यकारी अध्यक्ष जेपी न’ड्डा और उपाध्यक्ष ओम माथुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला हुआ. इसके साथ यह भी फैसला लिया गया कि BJP एक निर्दलीय उम्मीदवार विनोद सिंह को समर्थन देगी. बीजेपी ने यह सीट आजसू के लिए छोड़ी थी।
इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व गतिरोध सुलझाने के लिए काम कर रहा है और पार्टी आजसू को दस सीटें देने को तैयार है. हालांकि तीन सीटों पर आजसू और बीजेपी के बीच दोस्ताना मुक़ाबला होने की बात थी. लेकिन आजसू 17 सीटें चाहता है. च’क्रध’रपुर और लो’हरद’गा जैसी सीटों पर दोनों पार्टियों के बीच पेच फं’सा था।
आजसू की शिकायत थी कि सबसे विश्वसनीय सहयोगी दल होने के बावजूद बीजेपी उसे सीटें देने को तैयार नहीं है. आजसू के मुताबिक जिन सीटों पर दावा किया है, वहां मेहनत की और संगठन तैयार किया है।