नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ देश भर में हंगामा मचा हुआ है। इस काले कानून के खिलाफ विपक्ष के साथ देशभर के लाखो लोग सड़को पर उतर कर मोदी सरकार को घेरने में लगे है। लेकिन इस सबके बीच अब बीजेपी को अपने ही घर में चुनौती मिलने लगी है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते और भारतीय जनता पार्टी के नेता चंद्रकुमार बोस भी अब CAA के खिलाफ खड़े हो गए हैं।
महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र और पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने नागरिकता संसोधन कानून पर सवाल उठाते हुए मंगलवार को ट्वीट किया उन्होंने लिखा की अगर इस कानून का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है तो फिर इसमें मुस्लि’मों को क्यों शामिल नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर मुस्लि’म अपने देश में प्रताड़ित नहीं किए जाते हैं तो वे कभी भारत नहीं आएंगे, इसलिए उन्हें शामिल करने में कोई बुराई नहीं है। हालांकि, ये भी पूरा सच नहीं है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रहने वाले बलोचों का उत्पीड़न हो रहा है। पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे हैं।
If Muslims are not being persecuted in their home country they would not come,so there’s no harm in including them. However, this is not entirely true- what about Baluch who live in Pakistan & Afghanistan? What about Ahwadiyya in Pakistan?
— Chandra Kumar Bose (@Chandrabosebjp) December 24, 2019
वही भाजपा के उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, की भारत की किसी से अन्य देश से बराबरी या तुलना मत कीजिए, क्योंकि यह सभी धर्मों और समुदायों के खुला हुआ देश है।
हलाकि विपक्ष पहले ही नागरिकता संशोधन एक्ट को मुस्लि’मों के खिलाफ बता रहा है और इसे बीजेपी का धार्मिक कार्ड गिना रहा है. विपक्ष में सबसे मुखर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं, जिन्होंने खुला ऐलान किया हुआ है कि बंगाल में CAA-NRC लागू नहीं होने देंगी।