कर्नाटक के मैंगलुरु से एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें स्कूली बच्चों के द्वारा बाबरी मस्जिद के पोस्टर को ढहा’या जा रहा है। दरअसल आरएसएस नेता प्रभाकर भ’ट्ट के स्कूल में रविवार को स्पोर्ट्स फेस्टिवल कार्यक्रम रखा गया जिसमे एक यह भी था इस कार्यक्रम करीब 100 से भी ज्यादा बच्चे ने भाग लिया जिसमे ‘बाबरी मस्जिद वि’ध्वं’स’ को रीक्रिएट करते हुए दिखाया गया है।
बता दें मेंगलुरु के श्रीराम विद्या केंद्र में रविवार को बच्चों के कार्यक्रम के दौरान बच्चों के द्वारा 6 दिसंबर 1992 के दृ’श्य को रिक्रिएट कराया गया। जिसमे बाबरी मस्जिद के पोस्टर को ढ’हा’या और मंदिर वहीं बनेगा का नारा भी लगाते दिखाया गया। वही केंद्रीय मंत्री सदानंद गौ’ड़ा इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। वीडियो वायरल होने के बाद इस वीडियो की जमकर आलोचना की जा रही है।
मेंगलुरु के स्कूल में बाबरी वि’ध्वं’स के सीन को रिक्रएट कर रहे हैं बच्चो का वीडियो वायरल
आपको बता दें कि ये स्कूल प्रभाकर भ’ट्ट के द्वारा चलाया जाता है, जो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की दक्षिण मध्य क्षेत्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। रविवार रात को हुए इस कार्यक्रम में बच्चों के द्वारा बाबरी मस्जिद ढां’चा के पोस्टर को ढ’हा’या गया। इतना ही नहीं बच्चों के द्वारा राम मंदिर वहीं बनेगा और जय श्री राम के नारे भी लगाए गए।
वायरल हो रहे इस वीडियो को महिला कांग्रेस की सोशल मीडिया कॉर्डिनेटर लव’ण्या बल्लाल के द्वारा भी ट्वीट किया गया है. उन्होंने लिखा, ये कैसे नफर’त के बीज बो रहे हैं? कल प्रभा’कर भट्ट के स्कूल में क्या हुआ?
How do they sow seeds of hate?
Watch what happened in kalladka Prabhakar Bhat’s school yesterday.@PTI_News @IndiaToday @BTVI @DeccanChronicle @DeccanHerald pic.twitter.com/aEUjsWjXZO— Lavanya Ballal | ಲಾವಣ್ಯ ಬಲ್ಲಾಳ್ (@LavanyaBallal) December 16, 2019
इस वीडियो की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है. सोशल मीडिया पर काफी लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि इस प्रकार की राजनीति में बच्चों को कैसे शामिल किया जा सकता है और इस प्रकार की चीज़ें स्कूल में क्यों लागू की जा रही हैं। इन सब का आगे चलकर बच्चो पर क्या असर पड़ेगा इसका जि’म्मेदा’र कौन होगा।
बता दें बीते नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद वि’वा’द के मामले में फैसला सुनाया था, ये केस कई दशकों से अदालतों के चक्क’र काट रहा था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार विवा’दित भू’मि को हिंदू पक्ष को दे दिया गया है, वहीं मुस्लि’म पक्ष को अयोध्या में 5 एकड़ की जमीन देने का आदेश दिया था।