तबलीगी जमात पर, कोरोना फैलाने के आरोप लगाने वाली भारतीय मीडिया अब क्यों खामोश है?
पिछले साल तो “कोरोना” तबलीगी जमात ने फैलाया था , दिल्ली के एक कैंपस में मौजूद 2-2•5 हज़ार लोगों ने पूरे देश में कोरोना फैला दिया था। पूरे देश में तबलीगी जमात आतंकी बन गयी थी। जहाँ वह थे उनकी धड़ पकड़ चालू हो गयी थी।
समाज के सबसे इज़्ज़तदार लोग चोरों की तरह पुलिस की गाड़ी में भर कर ले जाए गये। इलाहाबाद युनिवर्सिटी के सबसे सम्मानित प्रोफेसर जिनके पढ़ाए कम से कम 100-150 आईएएस आईपीएस होंगे उनको पुलिस घर से दबोच कर ले गयी , उनको इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सस्पेन्ड कर दिया।
पर इस बार कोरोना कैसे फैल गया ? इस बार तो वह तबलीगी जमात भी नहीं ? कल कुल 145000 केस भारत में आए , हरिद्वार कुंभ में डुबकी लगाने वाले संघ प्रमुख मोहन भागवत भी पाॅजिटिव हो गये.
दामोह में शिवराज चौहान सबको घरों से निकल कर चुनाव में भाग लेने का आह्वाहन कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में लाखों लाख का मजमा बिना मास्क का संबोधित किया जा रहा है।
फिर भी ना उनको कोसा जा रहा है ना उनकी गिरफ्तारी हो रही है। हरिद्वार कुंभ की यह भीड़ देखिए , यहाँ से संक्रमण लेकर गये लोग देश में नहीं फैले होंगे।
होली की हुड़दंग अभी देखी ही होगी , इन सबसे कोरोना नहीं फैला , फालतू की बात मत करिए।बहुसंख्यकवाद का जोर है और यही आज का दौर है। कर लो आत्याचार।