नई दिल्लीः चीन में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इसकी चपेट में आने से अभी तक 1,800 लोगों की मौ’त हो चुकी है. जबकि 45,174 से भी ज्यादा लोग कोरोना वायरस से पीड़ित बताए जा रहे हैं। वही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई है, जिसमें अधिकारियों ने कहा है कि देश गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है क्योंकि कोरोनो वायरस तेजी से फेल रहा है।
बता दें चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक शुक्रवार से अभी तक 21,480 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से कई मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह वायरस चीन के अलावा फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया, अमेरिका, वियतनाम, सिंगापुर, नेपाल, हांगकांग, मकाऊ और ताइवान में फेल गया है।
चीन के 5 शहरों को एक बड़ी जेल में बदल दिया गया
चीन में इस वायरस के चलते 50 मिलियन यानि 5 करोड़ से भी अधिक लोगो को नजरबंद कर दिया गया है क्योंकि देश में नए कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। और इसे रोकने के प्रयास में लोगो के बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा रहा है। चीन के 5 शहरों को एक बड़ी जेल में बदल दिया गया है।
आपको बता दें कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच चीन ने 2 दिनों में 2 अस्पतालों के निर्माण की घोषणा की, जिनका निर्माण 15 दिनों के भीतर कर लिया जाएगा. वही प्रशासन ने कहा है की 15 दिनों के अन्दर 1300 बेड की क्षमता वाला एक और अस्पताल का निर्माण कराया जायेगा।
इससे पहले चीन के शहर वूहान प्रशासन ने शुक्रवार को कहा था कि साल 2003 में सार्स वायरस से निपटने के लिए बीजिंग ने सात दिनों में अस्पताल का निर्माण किया था. अब इसी मॉडल की तर्ज पर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए एक हजार बेड की क्षमता वाले विशेष अस्पताल का निर्माण वूहान में शुरू हो गया है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
Thermal Screening of passengers arriving from #China including #HongKong expanded to Seven airports now
Passengers to fill up ‘Self Reporting Form’ before disembarkationhttps://t.co/ojKHwtPvig#coronavirus pic.twitter.com/3TzlH4SmNG
— PIB India (@PIB_India) January 21, 2020
बता दे उइगर मुसलमानों को कैंपो में कैदी बनाने वाले चीन पर वायरस का ऐसा कहर बरपा है कि पूरे देश में 5 से ज्यादा शहरों को डिटेंशन सेंटर की तरह बना दिया गया है।
चीन के पांच बड़े शहरो के लोगो पर बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हाल ही में भारत ने चीन से अपील की है कि वह 1200 भारतीय छात्रों को इस प्रतिबंध से बाहर निकाल कर जल्द से जल्द देश लौटने कि परमीशन दे।