मुजफ्फरपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो देश के लिए लडऩे की खातिर आरएसएस के पास तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने की क्षमता है। छह दिवसीय मुजफ्फरपुर यात्रा के के दौरान मैदान में आरएसएस के स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि सेना को सैन्यर्किमयों को तैयार करने में छह-सात महीने लग जाते है, लेकिन संघ के स्वयं सेवकों को लेकर यह तीन दिन में तैयार हो जाएगी। देश के लिए सेवक हंसते-हंसते बलिदान देने को तैयार।

लेकिन अब खबर आ रही है की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS ) के प्रमुख मोहन भागवत की जान खतरे में है जिसको लेकर केंद्रीय और स्टेट एजेंसियों द्वारा एक सुरक्षा ऑडिट किया गया। एजेंसियों ने आरएसएस चीफ की सिक्योरिटी को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के ब्लैक कैट कमांडो में अपग्रेड करने की सिफारिश की है।
भागवत को वर्तमान में Z+ सुरक्षा कवर प्राप्त है, एसपीजी और एनएसजी के बाद तीसरी उच्चतम सुरक्षा है। इसमें 60 से अधिक सीआईएसएफ कमांडो उनकी सुरक्षा में चौबीस घंटे तैनात रहते हैं। खुफिया एजेंसियों ने भागवत के सुरक्षा जोखिम को बढ़ा दिया है, साउथ ब्लॉक के अधिकारियों ने कहा कि वे अभी भी इन रिपोर्टों का मूल्यांकन कर रहे थे और भागवत की सुरक्षा पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
आप को बात दे अधिकारियों ने भागवत को लेकर ऐसे उदाहरणों की ओर इशारा किया जब राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हाल के चुनावों के दौरान भागवत की सुरक्षा का उल्लंघन हुआ था। ऐसा माना जाता है कि खतरे का आकलन भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) और इस्लामिक स्टेट (IS) के भारत में मॉड्यूल द्वारा कथित साजिश का विश्लेषण करके किया गया है।
बता दे एनआईए ने हाल ही में दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 10 युवाओं को गिरफ्तार किया था। पिछले साल पंजाब में कांग्रेस सरकार ने राज्य में आरएसएस नेताओं की हत्याओं को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान स्थित ISI द्वारा एक कथित साजिश का खुलासा किया था।
हाल ही में तमिलनाडु पुलिस ने छह युवकों को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया कि वे इस्लामिक स्टेट से संबंध रखते हैं और आरोप लगाया कि वे राज्य में दक्षिणपंथी नेताओं को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे।