चेन्नई: आईआईटी मद्रास ने स्टूडेंट प्रोग्राम के तहत पढ़ाई करने के लिए भारत आए जर्मन के एक छात्र जैकोब लिंडेंथल को अपने देश वापस जाने के लिए कहा गया है। आईआईटी मद्रास में फिजिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे जर्मन छात्र जैकब लिंडेंथल कथित तौर पर सोमवार को एम्सटर्डम चले गए। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक छात्र का कहना है कि उसे चेन्नई में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय की ओर से भारत छोड़ने के निर्देश मिले थे।
दरअसल, पिछले सप्ताह 24 वर्षीय जर्मनी के छात्र जैकोब लिंडेंथल ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चेन्नै में हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था। इस प्रदर्शन में उन्होंने एक पोस्टर पकड़ रखा था, जिस पर लिखा था, ‘Uniformed Criminals- Criminals.’ वहीं, दूसरे पोस्टर पर लिखा हुआ था, ‘1933-1945 We have been there’.
इसी को लेकर एक अधिकारियों ने उससे कहा कि प्रदर्शनों में उसका हिस्सा लेना वीजा नियमों का उल्लंघन है। और उन्हें तुरंत भारत छोड़ने को कहा गया। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ कि उसे वापस भेजने का फैसला आईआईटी मद्रास ने लिया और केंद्र सरकार ने लेकिन छात्र जैकोब लिंडेंथल अभी उनकी एक सेमेस्टर की पढ़ाई आईआईटी मद्रास में बची हुई है। और उन्हें मई 2020 में वापस जाना था।
नागरिकता संसोधन कानून (CAA) के खिलाफ पिछले हफ्ते हुए प्रदर्शन में शामिल होने के चलते आव्रजन विभाग से उन्हें चेतावनी मिली थी और जैकब ने अपने ट्विटर हैंडल से कुछ तस्वीरें पोस्ट की थीं, जिनमें वह हाथों में स्लोगन लिखीं तख्तियां लिए दिख दे रहे थे. सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करते जैकब की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं।
Jakob Lindenthal, a German student at IIT Madras, was asked to leave India immediately days after he took part in anti-CAA protests in Chennai.
Jakob was told that he has violated student visa rules and he says all this happened due to his participation in the protests. pic.twitter.com/RSIPgJi7YD
— Shilpa Nair (@NairShilpa1308) December 24, 2019
वही अब आईआईटी मद्रास के छात्रों ने इस फैसले को शर्मनाक करार दिया है। एनडीटीवी ने दो बार आईआईटी से इस बारे में बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला वही छात्रों के अलावा राजनेताओं ने भी इसकी निंदा की है।
इस मामले पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को टैग करते हुए ट्वीट किया कि यह निराशानजक है. हमारा एक ऐसा लोकतंत्र है, जो कि दुनिया के लिए एक उदाहरण है।
लोकतंत्र में कभी भी अभिव्यक्ति की आजादी नहीं छीनी जाती. मैं आपसे गुहार करता हूं कि आप आईआईटी मद्रास को निर्देश दें, कि उस छात्र को वापस भेजने का फैसला वापस लिया जाए।