झारखंड में इन दिनों विधानसभा चुनाव का माहौल है सभी सरकारें अपनी अपनी कोशिशों में जुटी हुई हैं| कोई पत्रकारों को अपनी ओर खींच रहा है तो कोई जनता को लुभाने की कोशिश में लगा है| हम सभी जानते हैं की झारखंड में बहुत जल्द विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं| देखना यह है कि इस बार कौन बाज़ी मारता है लेकिन उससे पहले हम आपको बता दें कि सरकार चुनव को जीतने के लिए नए नए तरीके लेकर आ रही है| इन्ही में से एक तरीके की हाल ही में खबर मिली है| पता चला है कि सरकार पत्रकारों को अपनी ओर कर उन्हें नए नए प्रस्ताव दे रही है|
बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार के एक कदम पर विपक्ष ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर दी है। मौजूदा विवाद मुख्यमंत्री द्वारा राज्य की लाभप्रद योजनाओं पर लेख के एवज में 15000 रुपये दिए जाने के कदम को लेकर है। बताया जा रहा है कि सरकार अपने इस कदम से राज्य में पत्रकारों को अपनी ओर खींचना चाहती है।
सरकार का कहना है कि उनकी लाभप्रदत्त या लाभकारी योजनाओं के बारे में लिखा गया लेख चुने जाने पर 15000 हजार रुपये दिए जाएंगे। विपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने एक ट्वीट कर इस मामले में प्रेस काउंसिल और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इस मामले का संज्ञान लेने को कहा है।
साथ ही इस मामले पर सरकार के जनसंपर्क विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इसके पीछे सरकार की योजनाओं का पड़ने वाले प्रभाव का स्वतंत्र रूप से विश्लेषण करवाना है। झारखंड सरकार के सूचना एव जनसंपर्क विभाग की तरफ से इसे लेकर एक विभिन्न समाचारपत्रों में एक विज्ञापन भी प्रकाशित किया है।
The ruling @BJP4Jharkhand govt , it’s officials & our hon’ble CM @dasraghubar have breached all norms of ethics & moraliy. Open advrt by Govt publicity wing to journalists in #Jharkhand to write on #Vikas & earn money as fees. #PressCouncil & @MIB_India should take cognizance . https://t.co/OmK8I2Io54 pic.twitter.com/o133zZmHmQ
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) September 16, 2019
बता दें कि सूचना एव जनसंपर्क विभाग द्वारा दिए गए विज्ञापन में कहा गया है कि राज्य के 30 पत्रकारों प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया को 15000 रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा चुने गए 25 लेखों की एक किताब भी प्रकाशित कराई जाएगी। इसके लिए पत्रकारों को 5000 रुपये की सम्मान राशि भी दी जाएगी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि सरकार के इस प्रस्ताव के तहत लेख चुने जाने की अंतिम तारीख 17 सितंबर थी लेकिन अधिकारी के अनुसार प्रविष्टि के लिए तारीख बढ़ा दी गई है। किसी व्यक्ति की तरफ से सरकार के प्रति आलोचनात्मक लेख लिखने के सवाल पर अधिकारी ने कहा कि यह सरकार की तरफ से सिर्फ सकारात्मक खबर के संदर्भ में है।
इसी के साथ उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सरकार की सकारात्मक खबर छपवाने के बारे में हैं। इस विज्ञापन का शीर्षक है वर्तमान सरकार की योजनाओं से संबंधित पत्रकारों हेतु आलेख प्रकाशन। विज्ञापन में इच्छुक पत्रकारों के जरिये सरकार की विभिन्न योजनाओं पर लेख आमंत्रित किए गए हैं।
साथ ही इसमें कहा गया है कि चुने गए 30 पत्रकारों को चयन समिति की अनुशंसा के आधार पर आलेख के प्रकाशित होने के बाद 15000 रुपये दिए जाएंगे। सरकार के इस कदम पर झामुमो के नेता सोरेन ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार और उसके अधिकारी और मुख्यमंत्री रघुबर दास नीति और नैतिकता की सभी सीमाओं को लांघ गए हैं।
साभार: #Jansatta