भाजपा जिला अध्यक्ष ने कहा जेएनयू में छात्रों द्वारा आंदोलन करना कौन सा गुनाह हो गया जामिया इस्लामिया और एम्स की फीस भी इतनी है, वह क्यों नहीं बढ़ाई? जेएनयू ही क्यों, दुनिया भर में जब भी कहीं विद्धता की बात आती है तो जेएनयू का छात्र ही देश की इज्जत रखता है. लोगों को एक बात और याद रखना चाहिए कि हमारे देश की कई जानी मानी हस्तियाँ भी JNU से ही शिक्षा प्राप्त हैं, जिनमे हमारे देश की तत्कालीन रक्षा मंत्री ‘निर्मला सेतारमण भी शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश के अनिल पाण्डेय संतकबीर नगर जिले के भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष हैं. जेएनयू का जो नेत्रहीन छात्र शशि भूषण समद, जिका मीडिया सबसे ज़्यादा साक्षात्कार ले रही है वो उनका भतीजा है. अनिल पाण्डेय का इस तरह से सोशल मीडिया पर अपने विचार रखने से चर्चा का विषय बन गया है.
लोग उनकी फेसबुक वाल पर जाकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. आपको बता दें कि जेएनयू का छात्र शशि भूषण समद सोशल मीडिया पर क्रांतिकारी गानों के लिए खासा पसंद किया जाता है. इतना ही नहीं उसने पाकिस्तानी विद्रोही शायर हबीब जालिब की नज्मों को भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसके सोशल मीडिया पर हजारों में शेयर हो रहे हैं.
इस पोस्ट में उनके बारे में हम इसलिए संक्षिप्त विवरण दे रहे हैं कि आप उस नेत्रहीन छात्र को, उसके साथ हुए अत्याचार को अच्छी तरह समझ पायें, जिस पर सरकार की पुलिस की लाठियां चलीं, उनको लात घूंसों से मारा गया. इतना ही नहीं शशिभूषण पर लाठियां भांजते हुए पुलिस ने उसको कहा भी, कि जब तू अंधा है तो यहाँ प्रोटेस्ट में क्यों आया.
दोस्तों शशि भूषण के चाचा अनिल पांडे ने जब फेसबुक पर अपना पोस्ट शेयर किया तो, उन्होंने उसमें इस तरह का जिक्र नहीं किया कि वह उनका भतीजा है. बल्कि उन्होंने शशि भूषण को ‘मेरा बेटा’ कहकर ही संबोधित किया. अनिल पांडे उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के भाजपा किसान मोर्चा के जिलाअध्यक्ष हैं.
अनिल पांडे जी ने अपने भतीजे शशि भूषण की जो तस्वीर अपनी फेसबुक पर शेयर की है वो अस्पताल की, जिसमें उसका उपचार चल रहा था. फोटो शेयर करते हुए सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर वो लिखते हैं मेरा और मेरे परिवार का जनसंघ के समय से भारतीय जनता पार्टी के साथ नाता है.
जो लोग जेएनयू वालों को देशद्रोही करार दे रहे हैं, वह मुझे बताएं कि मेरा परिवार क्या है. आज मेरे बेटे को चोट लगी है, इसका जिम्मेदार कौन है? जेएनयू में अधिकतर गरीब परिवारों के मेधावी छात्र पढ़ाई करते हैं, वह देशद्रोही नहीं तुम्हारे और हमारे परिवार के ही बच्चे हैं. आप लोग दुआ करें कि हमारा बेटा जल्दी स्वस्थ हो.
शशिभूषण समद के चाचा अनिल पांडे ने सोशल मीडिया पर इस तरह से अपनी बात रखी, उनके दिल में जो द’र्द था उससे ज़ाहिर होता है कि उनकी अंतरात्मा को कीतनी तकलीफ हुई होगी. ये सब होने के बाद जिस तरह से सोशल मीडिया पर जब जेएनयू के छात्रों को देशद्रोही करार दिया जा रहा है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसमें पढ़ने वाले बच्चों के परिवार वालों पर क्या गुजर रही होगी.