कोरोना वायरस के संकट के बीच देशभर में जारी लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरों की हालत बिगड़ती जा रही है. काम धंधा बंद है. ऐसे में मजदूरों को खाने के लाले पड़ गए हैं. यही वजह है कि दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अलग-अलग शहरों से दिहाड़ी मजदूर यातायात सेवा ठप्प होने के कारण सैकड़ों किलोमीटर के सफर पर अपने घर के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं।
ऐसे में कोई साधन न होने के कारण सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर मुंबई दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर अपने घर पैदल जाते हुए दिखाई दिए। लॉकडाउन की वजह ट्रेन और बस सेवा बंद है। अपने घर पैदल जाते हुए एक मजदूर ने कहा कि 250-300 किलोमीटर दूर मेरा गांव है, वहां जा रहा हूं। मजदूर ने कहा कि अगर साधन मिला तो ठीक नहीं तो पैदल तो जाना ही है।
आपको बता दें अहमदाबाद में 2,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों ने पैदल और राजस्थान के परिवहन के अन्य साधनों से अपने घरों की तरफ चल निकले। वहीं राजधानी दिल्ली में भी यूपी-बिहार के सैकड़ों मजदूर अपने घरों की तरफ पैदल ही निकल पड़े।
Delhi: Daily wage workers walk near Delhi-Ghazipur border for their homes in different districts of Uttar Pradesh. A woman says, “We have no money left as we don’t get any work here. What shall we eat? If we would not leave the city, we would die of hunger”. #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/WcZHY4jt9X
— ANI (@ANI) March 26, 2020
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार ज्यादातर मजूदर दैनिक वेतन भोगी हैं और वह बुधवार दोपहर तक राजस्थान के डूंगरपुर के बिछीवाड़ा तहसील पहुंचे पाए यह अहमदाबाद से 125 किलोमीटर दूर है। 7-9 बजे के बीच सैकड़ों मजदूरों ने समूहों में सरखेज, असरवा, शाहपुर, नारोल, निकोलस और नरोदा सहित अहमदाबाद के अलग हिस्सों से चलना शुरू किया था।
दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर: देशभर में जारी लॉक डाउन के बाद दिहाड़ी मजदूर अपने घरों को पैदल जा रहे हैं। एक पैदल यात्री: 250-300 किलोमीटर दूर मेरा गांव है वहां जा रहा हूं। अगर साधन मिला तो उससे जाएंगे नहीं तो पैदल तो जा ही रहे हैं। #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/oIt6JkOjAj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 26, 2020
वही राजस्थान सरकार के एक अधिकारि ने पुष्टि की कि अहमदाबाद के 2,000 से अधिक लोग लॉकडाउन के बावजूद बुधवार सुबह तक बिछीवाड़ा बस स्टेशन पर पहुंच गए। बिछीवाड़ा तहसीलदार ने अमृत पटेल के मुताबिक रास्तों में फंसे लोगों को निकालने के लिए राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों और 15-20 निजी मिनी बसों की व्यवस्था की गई है।
राजस्थान के एक कोल्ड स्टोर में काम करने वाले 14 मजदूरों की कहानी भी ऐसी ही है। बिहार के रहने वाले ये मजदूर पैदल ही घर के लिए निकल लिए। 21 मार्च को जयपुर से निकले थे। 24 मार्च को आगरा पहुंच पाए।
उनका कहना है कि यह रहकर ना उनके खाने का इंतेजाम हो पाएगा ना रहने का ऐसे में रास्ते में जो मिल रहा है उसी से गुजारा कर रहे हैं और अपने घरों की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। मजूदरों ने बताया कि स्टोरेज मालिक ने उन्हें केवल दो हजार रुपए दिए और घर लौट जाने को कहा।