Bharat Bandh: आज भारत बंद है. देशभर के अलग-अलग हिस्सों में आज सुबह से ही बंद का असर दिखने लगा है. दुकानें बंद हैं, सड़कें सुनसान पड़ी हैं. कहीं ट्रेनें रोकी जा रही हैं तो कहीं चक्का जाम किया जा रहा है. यह भारत बंद केंद्र सरकार की ‘जन-विरोधी’ नीतियों के खिलाफ बुलाया गया है जिसके समर्थन में मजदूर संगठनों के साथ ही वामपंथी दलों और कांग्रेस का समर्थन मिला है।
वही भारत बंद के प्रदर्शनों के चलते पश्चिम बंगाल मुंबई से लेकर केरल तक कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ। आपको बता दें उत्तरी 24 परगना के ह्रदयापुर स्टेशक के समीप रेल ट्रैक पर पुलिस ने चार क्रू’ड ब’म भी बरामद किए हैं। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत बंद का समर्थन करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
आज इस बंद में पच्चीस करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है. छह सेंट्रल ट्रेड यूनियन और छह बैंकिंग यूनियन ने बंद का समर्थन किया है. आज और कल एटीएम में कैश की क़िल्लत हो सकती है, हालांकि निजी बैंकों पर असर नहीं पड़ेगा। केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर वो इस बंद में शामिल होते हैं तो इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।
The Modi-Shah Govt’s anti people, anti labour policies have created catastrophic unemployment & are weakening our PSUs to justify their sale to Modi’s crony capitalist friends.
Today, over 25 crore 🇮🇳workers have called for #BharatBandh2020 in protest.
I salute them.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 8, 2020
वही राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि ‘मोदी-शाह सरकार की जनविरोधी, श्रमिक विरोधी नीतियों ने भयावह बेरोजगारी पैदा की है और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कमजोर किया जा रहा है, ताकि इन्हें मोदी के पूंजीपति मित्रों को बेचने को सही ठहराया जा सके। राहुल गांधी ने कहा, आज 25 करोड़ कामगारों ने इसके विरोध में भारत बंद बुलाया है। मैं उन्हें सलाम करता हूं।
#WATCH West Bengal: A bus vandalised in Cooch Behar during the Bharat Bandh called by ten trade Unions against ‘anti-worker policies of Central Govt’ pic.twitter.com/Cc3ksWndL2
— ANI (@ANI) January 8, 2020
आपको बता दें भारत बंद में कई यूनियन भाग ले रहे हैं, जिसमे कांग्रेस मजदूर संगठन- इंटक, वामदलों का मजदूर संगठन, एटक, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी, सोशलिस्टइस। हड़ताल को बैंक यूनियनों ने भी अपना समर्थन दिया है।