हाल ही के महीनों में एक अमेरिकी रिसर्च सेंटर ‘थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर’ की एक रिपोर्ट आई थी. जिसके मुताबिक भारत देश सबसे ज्यादा मुस्लि’म आबादी वाला देश बन जाएगा. वर्तमान में भारत में मुसलमा’नों की आबादी 20 करोड़ के लगभग है. साल 2060 आने तक यह आबादी 35 करोड़ के आसपास जा सकती है. इसके हिसाब से हिंदुस्तान, मुसलमा’नों की आबादी वाला पूरी दुनिया के देशों में से सबसे बड़ा मुस्लि’म आबादी वाला देश बन जाएगा. हालाँकि भारत में सबसे ज़्यादा जनसख्या गैर मुस्लि’म लोगों की ही होगी.
वहीँ पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मुस्लि’म आबादी वाला देश बन जायेगा. जिसमें लगभग 28 करोड़ मुस्लि’म आबादी होने का अनुमान है. फिलहाल अभी सबसे ज्यादा मुस्लि’म आबादी वाला देश ‘इंडोनेशिया’ है. वर्तमान में इसकी आबादी 22 करोड़ के लगभग है.
Muslim Population In India | भारत में मुसलमानों की जनसँख्या कितनी है?
विकिपीडिया के अनुसार भारत में वर्तमान मुस्लि’म आबादी 20 करोड़ के लगभग है. (India Most Muslim Population Country). भारत के मुसलमा’नों की आबादी थिंक टैंक रिसर्च सेंटर और आज तक के मुताबिक 40 साल के बाद, दुनियाभर में सबसे ज़्यादा होगी. भारत दुनिया का पहला ऐसा देश होगा जिसमें मुसलमा’नों की आबादी सबसे अधिक होगी.
इस तरह से दुनिया भर में भारत के मुसलमा’नों की आबादी का योगदान 11 फीसदी होगा. इस रिपोर्ट के आने के बाद भारतीय राजनीति में काफी हलचल मच गई थी, क्योंकि कुछ लोगों को गलतफहमी थी कि अगर इस तरह से आबादी बढ़ी तो देश के अल्प संख्यक समुदाय के लोग बहु संख्यक आबादी को पीछे छोड़ सकते हैं.
लेकिन एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार यह बात पूरी तरह से गलत है. क्योंकि जब अल्प संख्यक आबादी बढ़ रही होगी तो बहु संख्यक आबादी का रुकने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता. इसके अलावा अमेरिकी रिसर्च सेंटर थिंक टैंक ने एक और तरह के आंकड़े और पेश किए हैं.
इन आंकड़ों के अनुसार, इस्लाम धर्म अपने पारंपरिक तौर तरीकों और उनकी ऐतिहासिक धरोहरों से दूर होता जा रहा है. और यह कहीं ना कहीं सच भी है. अभी वर्तमान में दुनिया भर में ईसाई समुदाय की आबादी 2.3 अरब है और मुस्लि’म आबादी 1.8 अरब.
अमेरिकी रिसर्च सेंटर थिंक टैंक के हिसाब से, 2060 तक यह सुनिश्चित है कि दुनिया भर में ईसाइयों की संख्या 3 अरब हो जाएगी और मुस्लि’म आबादी (Muslim Population in the world) भी 3 अरब के आसपास या इससे भी ज्यादा हो सकती है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि ईसाइयों की तुलना में मुस्लि’म आबादी में अधिक युवा हैं और उनकी वृद्धि दर ज्यादा है.