नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया रविवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिला’फ दिल्ली में लगातार विरो’ध प्रदर्शन हो रहे है. आज दक्षिणी दिल्ली के ओखला, जामिया और कालिंदी कुंज इलाके में छात्रों एवं स्थानीय नागरिकों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की सरकारी बसों में आग लगा दी, जिसके बाद इलाके में ह’ड़कं’प मच गया। बाद में फायर ब्रिगेड की टीम ने आकर उस आ’ग को बुझाया और पुलिस ने भी’ड़ को हटाने के लिए आं’सू गै’स का इस्तेमाल किया और ला’ठि’या ब’रसाई।
पुलिस की कार्रवाई की वजह से कई छात्र घा’यल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इस बीच जामिया के पूर्व छात्रों एवं छात्र संघ ने एक बयान जारी कर कहा है कि उनकी तरफ से किसी ने भी हिं#सा नहीं की है और वे किसी भी तरह की हिं#सा में विश्वास नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिला’फ उनका प्रदर्शन शांतिप्रिय था और वो आगे भी जारी रहेगा।
वही दिल्ली में जामिया के छात्रों ने लोगों का समर्थन जुटाने के लिए सामुदायिक मार्च निकालने की योजना बनाई और स्थानीय निवासियों को संशोधित कानून के बारे में जानकारी दी। जिसमें हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, ईसाइयों, जैनियों और पारसियों को नागरिकता देने का प्रावधान है जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक देश में दाखिल हुए। हालांकि कानून में मुस्लि’मों को शामिल नहीं किया गया।
Delhi: Delhi Transport Corporation (DTC) buses set ablaze by protesters near Bharat Nagar over #CitizenshipAmendmentAct. One fire tender was rushed to the spot. Two firemen also injured. More details awaited. pic.twitter.com/j6vH9tG8O4
— ANI (@ANI) December 15, 2019
इसी दौरान जामिया के परिसर में शाम के करीब 6:45 बजे तब तनाव खासा बढ़ गया जब पुलिस ने चार-पांच छात्रों को बाहर निकाला और बस में ले जाने से पहले उन्हें ला’ठियों से बुरी तरह पी’टना शुरू कर दिया। आंसू गैं’स के गो’ले दागे गए। करीब सात बजे 1000 के लगभग छात्रों को हवा में हा’थ उठाए एक लाइन में परिसर से बाहर निकाला गया।
छात्रों को कहना है कि उन्हें लाइब्रेरी से लाया गया था। इसी बीच जामिया प्रशासन ने प्रदर्शन से खुद को अलग कर लिया और कहा कि स्थानीय निवासी प’त्थर’बा’जी और आगजनी में शामिल थे। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर नजमा अख्तर कहती है कि कैंपस में हंगामा करने की पुलिस की कार्रवाई गलत थी। आं’सू गै’स के गो’लों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। इससे छात्र खासे डर गए।
बातचीत में केरल के एक छात्र मुबश्शिर ने कहा, उस वक्त हम नमाज पढ़ रहे थे जब पुलिस मस्जिद में दाखिल हुई और हमें घसी’टक’र बाहर ले गई। हमारी पिटाई की गई। मैंने आईडी कार्ड भी दिखाया मगर इससे उनपर कोई फर्क नहीं पड़ा। एक छात्र के रूप में हम बाहरी लोगों द्वारा किए गए कृ’त्यों का समर्थ’न नहीं करते हैं।
जानना चाहिए की झड़प में यूनिवर्सिटी के घायल हुए बीस छात्रों को नजदीकी फैमिली हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जबकि कम से कम 80 छात्रों को अल शिफा हॉस्पिटल में ले जाया गया।