नई दिल्ली: देश के सबसे चर्चित राज्य जम्मू कश्मीर पर चल रही उथल पुथल के बाद अब मामला खुलकर सामने आ गया है। जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार ने सोमवार को बड़ी घोषणा की है। मोदी सरकार ने कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया। जम्मू-कश्मीर अब एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। साथ ही घाटी को धारा 370 के जरिए जो विशेषाधिकार मिले हुए थे, वह अब खत्म हो चुके है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया है।
केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक फ़ैसले पर बदलाव करते हुए धारा 370 हटाने की सिफारिश की इस बदलाव को राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी दे दी गई है। बता दें कि रविवार देर रात से ही पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को श्रीनगर में नजरबंद कर दिया गया था। इसके साथ ही श्रीनगर में धारा 144 लगा दी गई है। साथ ही घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
आपको बात दें गृह मंत्री अमित शाह के इस जवाब पर राज्य सभा में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। इसमें सिर्फ एक खंड रहेगा। उन्होंने जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किया। जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। लद्दाख भी अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा।
राज्यसभा में लोकतंत्र की हत्या नहीं चलेगी’ के नारे लगाए जा रहे हैं। बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, हमारी पार्टी की ओर से पूरा समर्थन है। हम चाहते हैं कि यह विधेयक पारित हो जाए। हमारी पार्टी किसी तरह का विरोध नहीं दर्ज करा रही है।
KC Tyagi, JD(U): Our chief Nitish Kumar is carrying forward the tradition of JP Narayan, Ram Manohar Lohia & George Fernandes. So our party is not supporting the Bill moved in the Rajya Sabha today. We have different thinking. We want that Article 370 should not be revoked. pic.twitter.com/AdyWWJJzgk
— ANI (@ANI) August 5, 2019
वही राज्य सभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने पीडीपी के मिर फयाज और नजीर अहमद को सदन से बाहर जाने को कहा। दोनों ने संविधान फाड़ने की कोशिश की थी। इस विधेयक पर विरोध दर्शाते हुए पीडीपी सांसदों ने अपने कपड़े फाड़ दिए। वहीं विरोधी दल के सांसद राज्यसभा में जमीन पर बैठ गए। राज्यसभा अध्यक्ष को सदन में मार्शल बुलाने पड़े।
HM Amit Shah: This is not the first time, Congress in 1952 and 1962 amended article 370 through similar process. So instead of protesting please let me speak and have a discussion, all your doubts and misunderstandings will be cleared, I am ready to answer all your questions. pic.twitter.com/jUcoLvbNFN
— ANI (@ANI) August 5, 2019
प्रधानमंत्री कई राज्यों के मुख्यमंत्री से बात करेंगे। 7 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे। लद्दाख को भी बिना विधानसभा केंद्रशासित प्रदेश की मंजूरी मिल गई है।
वही कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने गृहमंत्री के बयान से पहले ही कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में यु’द्ध जैसे हालात हैं, पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद क्यों कर दिया गया है। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, कश्मीर पर किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार हूं।