नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) (CAB) लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया. इस बिल को लेकर पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम और त्रिपुरा में जबदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इन प्रदर्शनों के चलते असम के 10 जिलों में इंटरनेट को बंद कर दिया गया है. असम में मोबाइल इंटरनेट बहाल होने पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने कहा पहले कश्मीर और अब असम आखिर अब किस राज्य का नम्बर है बता दीजिए।
आपको बता दें नागरिकता संशोधन बिल (CAB) लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी पास हो गया है. बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े जबकि इसके खिला’फ 99 सदस्यों ने वोट किया. जबकि शिवसेना ने वोटिंग से पहले ही राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया।
CAB पर बोले काटजू- कश्मीर के बाद अब असम की बारी, क्या होगा देश का हाल
बता दें इस बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रता’ड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
Assam is burning, like Kashmir. These modern Neros are fiddling while the country burns. Hanumanji had only set Lanka on fire. These modern Hanumanjis will set the whole of India on fire. 🔥🔥
— Markandey Katju (@mkatju) December 11, 2019
नागरिकता संशोधन बिल (CAB) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस काटजू ने एक बाद एक ट्वीट कर अपनी राय दी और कहा ‘पहले कश्मीर फिर असम भारत में अब इंटरनेट आदि सेवाएं कहां-कहां प्रतिबंधित होंगी। व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच बिगड़ती कानून व्यवस्था को संभालने के लिए बुधवार को असम के गुवाहाटी में लगाए गए कर्फ्यू को अनिश्चिकाल के लिए बढ़ा दिया गया।
First Kashmir, now Assam. Where will internet etc be banned next in India ? pic.twitter.com/nIsHkVkyMr
— Markandey Katju (@mkatju) December 11, 2019
पूर्व जस्टिस कार्टजू ने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर भाजपा पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि असम भी कश्मीर की तरह ज’ल रहा है, देश में आ’ग लगी है और ये आधुनिक नीरो बेखबर हैं। हनुमान जी ने तो सिर्फ लंका जलाई थी, लेकिन ये आधुनिक हनुमान जी तो पूरे भारत में आ’ग लगा देंगे।
बता दें नागरिकता संशोधन बिल 2019 के पास होने के बाद विपक्छी दलों ने भाजपा पर निशाना साधा वही सोनिया गांधी ने बयान जारी कर कहा था कि भारत के संवैधानिक इतिहास में ये काला दिन है। नागरिकता संशोधन बिल का पास होना भारत की विविधता पर संकीर्ण मानसिकता के लोगों की जीत है।