केरल: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ एकजूट होने के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 11 राज्यों के मुख्यमंत्रीयो को अपने समकक्षों को पत्र लिख कर कहा कि धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है। लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिये सभी भारतीयों को एकजुट होने का समय आ गया है।
बता दें मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शुक्रवार को 11 राज्यों के गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। जिसमे उन्होंने आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, पुडुचेरी, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों को यह पत्र जारी कर उनसे अपील की है।
मुख्यमंत्री विजयन ने इस पत्र में कहा है कि सीएए के परि’णामस्व’रूप हमारे समाज के बड़े वर्गों के बीच आशंकाएं बढ़ गई हैं, लोकतंत्र और ध’र्मनिर’पेक्ष’ता के हमारे मूल्यों की रक्षा और संरक्षण के लिए सभी भारतीयों के बीच यूनिटी कायम रखना इस समय जरुरी हो गया है। अलग-अलग समुदाय के लोग, चाहे वे किसी भी धर्म के हों सभी को एकजुट होना चाहिए।
आपको बता दें नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे देश भर में विरोध प्रदर्शनों के बीच केरल विधानसभा ने मंगलवार (31 दिसंबर 2019) को सीएए को निरस्त करने का प्रस्ताव को पारित हो गया है।
Kerala CM writes to CM’s of Jharkhand, West Bengal,Delhi,Maharashtra, Bihar,Andhra Pradesh, Puducherry, Madhya Pradesh,Punjab,Rajasthan,& Odisha. Saying,”states, which have opinion that CAA should be repealed can consider similar steps (Kerala Assembly’s resolution against CAA)”.
— ANI (@ANI) January 3, 2020
सीएए में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लि’म शरणार्थी- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। वही विपक्ष का कहना है कि सीएए संविधान का उल्लंघन करता है।
बता दें विधानसभा में पारित हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि राज्य सीएए को अपने यहां लागू नहीं होने देगा। वहीं केरल विधानसभा के इस प्रस्ताव पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि संसद द्वारा पारित कानूनों को लागू करना राज्य सरकारों का सं’वैधा’निक कर्तव्य है।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो राज्य यह कहते हैं कि वे संशोधित नागरिकता कानून को लागू नहीं करेंगे उन्हें ऐसे निर्णय करने से पहले उचित विधिक की राय लेनी चाहिए।