अपने विवादित बयानों के चलते अक्सर ही चर्चा में रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है. इस बार रिजवी ने ना सिर्फ बयान दिया है बल्कि बेतुकी मांग भी की है. वसीम रिजवी ने पीएम मोदी को लिखे एक पत्र में मांग की है कि देश भर के सभी मदरसों को तत्काल बंद करवा दिया जाए. इसके बाद से ही बहुत बड़ा बावल खड़ा हो गया हैं. पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे गए अपने पत्र में वसीम रिजवी ने दावा किया है कि मदरसों में छात्रों के अंदर आं#तकी संगठन आईएसआईएस की विचारधारा फैलाई जाती हैं.
इतना ही नहीं रिजवी ने दावा किया है कि अगर जल्द ही देश भर के सभी प्राथमिक मदरसे बंद न हुए तो पंद्रह साल बाद देश के आधे से भी ज्यादा मुसलमान आईएसआईएस विचारधारा के समर्थक बन जाएगें. वहीं रिजवी के इस बयान की बीजेपी की तरह से कड़ी आलोचना की गई हैं.
भारतीय जनता पार्टी के नेता एहतिशाम उल हुदा ने कहा कि यह रिजवी का निजी बयान है. भारत एक लोकतांत्रिक देश है और उसको अपनी बात कहने और रखने का पूरा अधिकार हैं. लेकिन बीजेपी उनके विचार से बिल्कुल सहमत नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि मेरा अपना मानना है कि देश के विकास में मदरसों के छात्रों का बहुत ही अहम योगदान रहा है. उन्होंने आगे कहा कि हमें इसका सबसे बड़ा उदाहरण पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के रूप में देखने को मिलता है जिनकी शिक्षा मदरसे से ही हुई है.
उन्होने कहा कि मदरसों के छात्र अपने देश से बहुत मुहब्बत करते है. आपको बता दें कि रिजवी ने अपने पत्र में लिखा है कि कश्मीर में आईएसआईएस के समर्थक खुले तौर पर बड़ी तादाद में देखने को मिलते हैं.