नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के दृ’ष्टिग’त केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी के आवास पर बैठक हुई जिसमें मुस्लि’म धर्मगुरु और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के कई नेता शामिल हुए। इस बैठक में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन और फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली जमियत उलेमा ऐ हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक के बाद शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जावेद ने कहा कि अयोध्या पर फ़ैसला आने के बाद शांति-व्यवस्था बनाए रखने और भाईचारा क़ायम रखने के उद्देश्य से दोनों समुदायों को शांति बनाए रखना है। सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगा हम सभी को उसका सम्मान करना चाहिए। हम सभी से अपील करेंगे कि शांति बनाए रखें।
वही अखिल भारतीय सूफी सज्जादनशीं परिषद के अध्यक्ष सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि हर कोई इस बात पर एकमत था कि सभी धर्मों के लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए। हम सभी दरगाहों को दिशा-निर्देश देंगे कि वो लोगों से अपील करें कि अफवाहों और झूठी खबरों पर विश्वास न करें।
जल्द ही सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले को लेकर फैसला आने वाला है अगले सात कार्यदिवसों के भीतर ये फैसला आ सकता है। कारण कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में उनके कार्यकाल के बस सात कार्यदिवस ही शेष हैं। साफ है कि सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इन्हीं दिनों में फैसला सुना सकती है।
Delhi: Meeting underway at Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi’s residence ahead of Ayodhya verdict. Muslim clerics and Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) leaders present. pic.twitter.com/uDkzdVoqMg
— ANI (@ANI) November 5, 2019
आपको बता दें केंद्र सरकार ने इस फैसले के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय शस्त्र पुलिस बल के करीब चार हजार जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है। यह पुलिस बल 18 नवंबर तक राज्य में तैनात रहेगा। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते सोमवार को ही इस संबंध में फैसला लिया है।
जिसमें मंत्रालय ने तुरंत प्रभाव से पैरामिलिट्री फोर्स की पंद्रह कंपनियों को भेजने की मंजूरी दी। मंत्रालय के आदेश के मुताबिक पैरा मिलिट्री फोर्स की 15 कंपनियों के अलावा बीएसएफ, आरएएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की तीन-तीन कंपनियां भेजने को भी मंजूरी दी गई है।