नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर के मौजूदा हालात का जायज़ा लेने और कश्मीरियों की खबर लेने के लिये किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल के पहले कश्मीर दौरे के तहत 27 यूरोपीय सांसदों का एक दल मंगलवार को वहां की यात्रा करेगा इस दल की यात्रा अनौपचारिक है और उन्होंने खुद इस कार्यक्रम की तैयारी की है. यूरोपियन यूनियन का प्रतिनिधिमंडल झील में शिकारा मालिकों से मिलने के साथ ही वहां के स्थानीय निवासियों में भी मिलेंगे।
यूरोपीय संसद के इन सदस्यों ने अपनी दो दिवसीय कश्मीर यात्रा के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपियन संघ की टीम को संबोधित करते हुए कहा कि आ’तंकवादि’यों का समर्थन या ऐसी गति’विधि’यों और संगठनों का समर्थन करने वाले या राज्य की नीति के रूप में आ’तंकवा’द का उपयोग करने वालों के खि’लाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।
पीएम ने कहा कि निष्पक्ष और संतुलित द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौते (BTIA) का जल्द समापन मेरी सरकार की प्राथमिकता है.पीएम ने उम्मीद जताई कि यूरोपीय संघ के सदस्यों का जम्मू-कश्मीर सहित भारत का ये दौरा उपयोगी साबित है।
Delhi: Members of European Parliament called on Prime Minister Narendra Modi at 7, Lok Kalyan Marg today. The delegation would be visiting Jammu and Kashmir tomorrow. pic.twitter.com/8Syz2DWcED
— ANI (@ANI) October 28, 2019
पीएम ने कहा कि क्षेत्र के विकास और शासन की प्राथमिकताओं का एक स्पष्ट दृष्टिकोण देने के अलावा इस दौरे से प्रतिनिधिमंडल को क्षेत्र की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता की बेहतर समझ मिलेगी.
Excellent meeting with @pmoindia @narendramodi. His passion towards human empowerment was clearly visible. We had a healthy interaction on various subjects pic.twitter.com/yJxfWOVQux
— Fulvio Martusciello (@fulviomartuscie) October 28, 2019
इस दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा मुफ्ती के ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया कि ‘कश्मीर और दुनिया के बीच का लोहे का पर्दा उठेगा.’ इसके साथ ही लिखा गया कि जम्मू-कश्मीर को अशांति में धकेलने के लिए भारत सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उम्मीद है कि उन्हें डॉक्टर, लोकल मीडिया और सिविल सोसाइटी के लोगों से मिलने का मौका मिलेगा।