नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हॉस्टल फीस बढ़ाने को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों के लिए बड़ी खबर आ रही है। दरअसल छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद मोदी सरकार को उनके आगे झुकना पड़ा आपको बता दें जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रों के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद जेएनयू प्रशासन ने यह फैसला लिया है. शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यन ने बुधवार को एक ट्वीट कर बताया कि एग्जिक्यूटिव कमिटी ने हॉस्टल फीस में वृद्धि और अन्य नियमों से जुड़े फैसले को वापस ले लिया है।
मोदी सरकार ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) हॉस्टल फीस में वृद्धि और अन्य नियमों से जुड़े फैसले को वापस ले लिया है। इसके साथ ही सरकार ने फीस-मेस और हॉस्टल की फीस भी नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके आलावा सरकार ने गरीब छात्रों को आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया है।
साथ ही सभी छात्रों से अपील की है कि (JNU) के सभी छात्र अपना प्रदर्शन खत्म कर वापस क्लास का रुख करें. इसके साथ ही शिक्षा सचिव ने यह भी कहा कि एग्जिक्यूटिव कमिटी की बैठक में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के स्टूडेंट्स को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने से संबंधित योजना का प्रस्ताव भी पेश किया गया और गरीब परिवारों के छात्रों के लिए योजना का भी ऐलान किया गया है।
R Subrahmanyam, Education Secretary,
Ministry of HRD: JNU Executive Committee announces major roll-back in the hostel fee and other stipulations. Also proposes a scheme for economic assistance to the Economically Weaker Section (EWS) students. pic.twitter.com/JGetD94vUH— ANI (@ANI) November 13, 2019
हलाकि इससे पहले जेएनयू एक्जीक्यूटिव काउंसिल के रिप्रिजेंटेटिव टीचर सच्चिदानंद सिन्हा ने कहा कि हम यहाँ मीटिंग के लिए आए. पर यहां मीटिंग नहीं हो रही. एक्जीक्यूटिव काउंसिल में टीचर्स के प्रतिनिधि होने चाहिए. अब तक ऐसा नहीं हुआ है. यह ब्लैक डे है. मुझे यही लगता है कि ये निर्णय ले लेंगे।