नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक चर्चा एवं पारित करने के लिए राज्यसभा में पेश किया. नागरिकता संशोधन विधेयक के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लि’म प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी विपक्ष इस विधेयक को संविधान की मूल के खिलाफ बताते हुए का विरोध कर रहा है।
वही बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश करते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि जो अल्पसंख्यक लोग हैं भारत में रहते हैं, उनको चिंता करने की जरूरत नहीं है, जो लोग बहका रहे हैं, उनके बहकावे में ना आएं, यह मोदी सरकार है, किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
भारत के मुसलमा’नों को चिंता करने की जरूरत नहीं, वे नागरिक थे, हैं और रहेंगे: अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि इस बिल के बारे में भ्रां’ति फैलाई जा रही है। कहा जा रहा है कि यह बिल मुसलमा’नों के खिला’फ है. इस देश के मुसलमा’नों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है। भारत के मुसलमा’न नागरिक थे, नागरिक हैं और नागरिक रहेंगे. मुसलमा’न किसी के बहकावे में नहीं आएं. उन्हें कोई प्रताड़ित नहीं करेगा।
वही गृह मंत्री ने आगे कहा कि राजीव गांधी ने 1985 में असम समझौता किया और राज्य को अनुसूची 6 में शामिल किया गया, ताकि मूल निवासियों की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक पहचान को सुरक्षित किया जा सके। असम समझौते के तहत एक कमेटी की गठन किया जाना था, लेकिन मोदी सरकार बनने तक कमेटी ही नहीं बनी। 35 साल तक किसी को चिंता ही नहीं थी।
Misinformation has been spread that the bill is against Muslims. I want to assure them that they are Indian citizens and will never face discrimination, says Home Minister Amit Shah in #RajyaSabha during the #CitizenshipAmendmentBill2019 debate.
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— BloombergQuint (@BloombergQuint) December 11, 2019
राज्यसभा में बिल पेश करते हुए अमित शाह ने कहा मैं कि इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं, इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा होगा। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी उन्हें वहां पर समानता का अधिकार नहीं मिला था।
शाह ने कहा कि पाकिस्तान और उस समय के पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लगभग 20-20% अल्पसंख्यकों की आबादी कम हो चुकी है। आखिर कहां गए वो लोग, या तो वो मार दिए गए या धर्म परिवर्तन हो गया या वो लोग शरणार्थी बनकर अपने धर्म और सम्मान को बचाने के लिए भारत आ गए।