नई दिल्लीः नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर केबल भारत में ही विरोध नहीं हो रहा है बल्कि इस पर अब अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ भी सामने आ रही हैं। मुस्लि’म देशों के सबसे बड़े मंच इस्लामिक सहयोग संगठन ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन’ यानि (OIC) ने रविवार को नागरिकता कानून पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।ओआईसी ने कहा कि हम भारत में नागरिकता संशोधन कानून और अयोध्या मामले के फैसले को लेकर वह चिंतित है।
रविवार को इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) ने के बयान जारी किया है। ओआईसी के महासचिव युसूफ़ बिन अहमद बिन अब्दुल रहमान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत के मुस्लि’मो को लेकर उनकी नज़र बनी हुई है। संगठन ने साथ ही कहा कि भारत के मुस्लि’मों को प्रभावित करने वाले हालिया घट’नाक्रमों पर वह करीब से नजर बनाए हुए है।
बीबीसी हिंदी न्यूज़ की खबर के मुताबिक मुस्लि’म देशों का सबसे बड़ा इस्लामिक सहयोग संगठन ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन’ (OIC) पाकिस्तान समेत दुनियाभर के 60 मुस्लि’म बहुसंख्यक देश शामिल हैं। वही इस्लामिक संगठन ने अपने बयान में कहा है, की भारत के हालिया घट’नाक्रम को हम क़रीब से देख रहे हैं।
भारत में कई चीज़ें ऐसी हुई हैं, जिनसे वहाँ के अल्पसंख्यक प्रभावित हुए हैं। और डर और भय का माहौल में जी रहे है। नागरिकता के अधिकार और बाबरी मस्जिद केस को लेकर हमारी चिं’ताएं हैं. हम फिर से इस बात को दोहराते हैं कि भारत में मुसलमा’नों और उनके पवित्र स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
The General Secretariat of the Organization of Islamic Cooperation (#OIC) has been following recent developments affecting Muslim minority in #India. It expresses its concern over the recent developments pertaining to both the issue of citizenship rights & the #BabriMasjid case. pic.twitter.com/lm8lIH2LeL
— OIC (@OIC_OCI) December 22, 2019
वही ओआईसी ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के सिद्धांतों और दायित्वों के मुताबिक बिना किसी भेदभाव के भारत के अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मिलनी चाहिए. ओआईसी ने कहा कि अगर इन सि’द्धां’तों और दा’यि’त्वों की उपेक्षा हुई तो पूरे इलाक़े की सुरक्षा और स्थिरता पर आने वाले दिनों में काफी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
आपको बता दें ओआईसी पर सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा है। इस्लामिक देशों के बीच भी यह संगठन सवाल उठते रहे हैं. 19-20 दिसंबर को मलेशिया में कुआलालंपुर समिट हुआ और इसमें इस्लामिक दुनिया की आवाज़ को नया मंच देने की भी बात हुई है। इस दौरान तुर्की केराष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान भी शामिल हुए।
वही पाकिस्तान पीएम इमरान ख़ान ने अपने ट्वीट करते हुए कहा की पिछले पाँच सालों से मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत हिंदू राष्ट्र की तरफ़ बढ़ रहा है। अब नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ वो भारतीय सड़क पर हैं जो चाहते हैं कि भारत की विविधता बनी रहे. सीएए के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन जन आंदोलन बन गया है।