पिछले कुछ दिनों से हमारे देश में समर्थन और विरो’ध का दौर चल रहा है, जिसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में अलग-अलग मामलों में पिछले कुछ दिनों से गहमागहमी चली हुई आ रही है. और इसी दौरान अब यह हवा राजस्थान की ओर रुख कर गई है. लेकिन मामला किसी यूनिवर्सिटी का नहीं है. इस बार राजस्थान के अलवर जिले से मुस्लि’म पुलिसकर्मियों को दाढ़ी न रखने का फरमान जारी कर दिया गया.
जब इस तरह का अजीबोगरीब फरमान जारी हुआ तो इसके बाद जब मामले ने तूल पकड़ा तो अलवर पुलिस ने दाढ़ी ना रखने का जो फरमान नोटिस जारी किया था उसको वापिस ले लिया है. हालांकि इस खबर के निकलने के बाद सोशल मीडिया के जरिए उनको दाड़ी न रखने के आदेश की प्रति वायरल हो गई है.
कई मुस्लि’म संगठनों में इस बात को लेकर नाराजगी है. इस नोटिस कि प्रति में 9 मुस्लि’म पुलिसकर्मियों के नाम लिखे गए थे, जिनको पूर्व में दाढ़ी रखने की इजाजत मिली हुई थी, जो कि वापस ले ली गई थी. जिसमें आदेश क्रमांक तक डाला हुआ है.
उस आदेश क्रमांक के तहत उसमें लिखा हुआ था इस-इस कार्यालय में के निम्नलिखित आदेश द्वारा पूर्व में दाढ़ी रखने की अनुमति प्रदान की गई थी, और उपरोक्त अनुमति को एतद्द द्वारा तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाता है. जिस पर नीचे अलवर ज़िला पुलिस अधीक्षक के हस्ताक्षर किये गए थे.
राजस्थान के पुलिस विभाग अनुसार आपको गलतफहमी ना हो इसके चलते हम आपको यह बता दें. राजस्थान में परंपरा है कि अल्पसंख्यक समुदाय के पुलिस कर्मियों को शेव रखने के लिए जिले के पुलिस अधीक्षक को आवेदन देना होता है. जिसकी अनुमति मिलने के बाद यह दाढ़ी रख सकते हैं.
अलवर एसपी के अनुसार 32 पुलिस वालों को दाढ़ी रखने की इजाजत दे रखी थी, जिसमें से 9 की इजाजत वापस ली गई है. इस तरह के अजीबोगरीब फरमान से राजस्थान के पुलिसकर्मी, खासतौर से जो मुस्लि’म है उन लोगों में काफी नाराजगी है.
इधर मुस्लि’म संगठन इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का ऐलान कर चुके हैं. कुछ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा 1999 में ही अल्पसंख्यक समुदाय के पुलिस कर्मियों को दाढ़ी रखने की इजाजत दे दी गई थी.
आपको बता दें कि राजस्थान में गृह मंत्रालय अशोक गहलोत के पास है. मीडिया कर्मियों ने उनके मंत्रियों से बात की तो वे इस मामले में टाला-मटोली करते नजर आए और उन्होंने कहा कि इस बात का जवाब तो बड़े नेता ही दे सकेंगे.
बकौल एसपी जिला अलवर के मुताबिक कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिए ये आदेश जारी किया गया था. अब समझ नहीं आता कि किसी की दाढ़ी रखने अथवा ना रखने से कानून व्यवस्था कैसे बनी रहेगी? इस बात को लेकर पुलिस भी अपनी ओर से स्पष्टीकरण नहीं दे पा रही है.
आज तक हिंदी न्यूज़ के मुताबिक बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों में दाढ़ी रखने वाले मुस्लि’म पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ रही थी. इसको रोकने के लिए ऐसा कदम उठाया गया. सोशल मीडिया पर लोग राजस्थान सरकार और पुलिस को कोसते हुए नज़र आ रहे हैं.