महाराष्ट्र के 18वें सीएम बने शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में सीएम पद की शपथ ली। शपथ के साथ ही उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने वाले ठाकरे परिवार के पहले सदस्य हो गए। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना सहित देश के तमाम दिग्गज नेता और उद्योगपति मौजूद थे। समारोह में कई राज्यों के सीएम भी पहुंचे। आपको बता दें महाराष्ट्र अलग राज्य के तौर पर 1960 में वजूद में आया था जिसके बाद 2019 में उद्धव ठाकरे 19वें सीएम के तौर पर ताजपोशी की गई।
मुंबई के शिवाजी पार्क में शिवाजी महाराज को नमन करते हुए मराठी भाषा में उद्धव ठाकरे ने शपथ ली और वे ठाकरे परिवार से पहले मुख्यमंत्री हैं. उद्धव के बाद कैबिनेट के अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है. उद्धव ठाकरे के बाद शिवसेना के एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई. इसके बाद एनसीपी कोटे से विधायक दल के नेता जयंत पाटिल और छगन भुजबल को शपथ दिलाई गई।
उद्धव ठाकरे के शपथ समारोह में अम्बानी परिवार और राज ठाकरे पहुंचकर कर सबको चौका दिया
इस शपथ ग्रहण समारोह के दौरान शिवाजी पार्क में शिवसैनिकों का जनसैलाब देखा गया और कार्यक्रम में विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के कई नेता मौजूद रहे। उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में जिन तीन मेहमानों की सबसे ज्यादा चर्चा हुई, वो थे भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी, राज्य के पूर्व सीएम और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस और मनसे चीफ राज ठाकरे है।
वैसे तो मुकेश अंबानी, मोदी सरकार के करीबी माने जाते हैं। लेकिन उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में अंबानी परिवार की मौजूदगी से कई लोग आश्चर्यचकित जरुर हुए। वही पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस की मौजूद भी कई लोगों को हैरान हुए। शिवसेना द्वारा अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनायी गई है, ऐसे में देवेंद्र फडणवीस का शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहना भी कई लोगों को हैरान कर गया।
Mukesh Ambani and his family arrives at Mumbai’s #ShivajiPark for #UddhavThackeray‘s oath-taking ceremony.
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— NDTV (@ndtv) November 28, 2019
और इस शपथ समारोह सबसे खास बात ये है कि जब शिवसेना और भाजपा के बीच सीएम पद के बंटवारे को लेकर तनातनी चल रही थी, तब फडणवीस ही शिवसेना पर सबसे ज्यादा निशाना साध रहे थे। फडणवीस के अलावा जिस तीसरे शख्स की मौजूदगी से लोग हैरान हुए, वो थे मनसे चीफ राज ठाकरे। जब शिवसेना चीफ बाला साहब ठाकरे ने पार्टी की कमान अपने बेटे उद्धव ठाकरे को सौंपी थी, तो उससे नाराज होकर राज ठाकरे ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी।
दरअसल बाला साहब ठाकरे के बाद राज ठाकरे खुद को शिवसेना चीफ के तौर पर देख रहे थे। राज ठाकरे जब उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए तो उन्हें लोगों का समर्थन और हूटिंग दोनों का ही सामना करना पड़ा था।
आपको बता दें उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह का न्योता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी दिया गया था। लेकिन सोनिया गांधी और राहुल गांधी या मनमोहन सिंह में से किसी ने भी ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया। वही पीएम मोदी को भी इस समारोह में शामिल होने के लिए उद्धव ठाकरे ने खुद फोन किया था, लेकिन पीएम ने भी इस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी।