देहरादून: देश भर में कोरोना वायरस के संकट के बीच लॉकडाउन लागू है. इस महा’मा’री के खतरे को देखते हुए सभी धार्मिक स्थल बंद कर दिए गए हैं. या फिर कम से कम लोगों के एकत्रित होने की अनुमति है. इसी बीच उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने पर मंदिर के मुख्य पुजारी सहित 16 लोग को जाने की इजाजत मिल गई है. हलाकि भक्तों को फिलहाल दर्शन की अनुमति नहीं दी गई है।
इसकी जानकारी रुद्रप्रयाग के जिला मजिस्ट्रेट मंगेश घिल्डियाल ने दी है. केदारनाथ के शीतकालीन प्रवासस्थल उखीमठ में मंगलवार को मुख्य पुजारी रावल भीमाशंकर लिंग ने धर्माचार्यों से सलाह मशविरा कर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 29 अप्रैली की सुबह 6:10 मिनट पर केदारनाथ मंदिर के कपाट खोले जाने की घोषणा की है।
बता दें केदारनाथ धाम की यात्रा को लॉकडाउन के चलते महज धार्मिक परम्पराओं के निर्वहन हेतु संचालित किया जाएगा प्रशासन केदारनाथ धाम की व्यवस्थाओं पर निरंतर निगरानी कर रहा है. जल्द ही बिजली, पानी और संचार सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी इस महा’मा’री के चलते केदारनाथ धाम में भी’ड़ भा’ड़ को अनुमति नहीं दी जाएगी।
जनसत्ता की खबर के अनुसार, इस फैसले को लेकर ट्विटर यूजर्स ने प्रसाशन के इस फैसले पर तंज कसा है. एक यूजर ने लिखा है, वाह सरकार वाह , मस्जिद में केवल 3 से 5 लोगों को अनुमति और मन्दिर में 16 लोगों को पास वाह क्या इंसाफ है आपका।
Only 16 people, including the Chief Priest of Kedarnath temple (in file pic), to be present when the portals of the temple open on 29th April. ‘Darshan’ for the devotees will not be allowed at the temple as of now: Mangesh Ghildiyal, District Magistrate, Rudraprayag #Uttarakhand pic.twitter.com/d24aU4oDv1
— ANI (@ANI) April 22, 2020
गौरतलब है कि बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने को लेकर पंचगद्दी स्थल ऊखीमठ में बैठक बुलाई गई थी इस बैठक में फैसला लिया गया कि कपाट पहले तय की गई तारीख के अनुसार ही खोला जाएगा लेकिन फैसले की सूचना शासन प्रशासन को दे दी गई है। वहीं, बदरीनाथ के कपाट खोलने की तारीख और मुहूर्त में बदलाव किया गया था।
बता दें कि केदारनाथ के कपाट खोलने को लेकर राज्य के धर्मस्व और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के बयान कि केदारनाथ के कपाट 14 मई को खुलेंगे से केदार तीर्थ पुरोहितों और पंडों के बीच विवाद बढ़ने लगा था।
इसके बाद इस विवाद पर लगाम लगाने को केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग ने मंगलवार सुबह सभी पक्षों की बैठक बुलाई। इस बैठक में मंदिर के कपाट को तय तिथि पर ही खोलने का फैसला किया गया।