नई दिल्ली: सऊदी अरब ने जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर मुस्लि’म देशों के सहयोगी संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने का फैसला किया है। हलाकि उसके इस फैसले को पाकिस्तान को खुश करने से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योकि पिछले हफ्ते मलेशिया ने इस्लामिक देशों की बैठक बुलाई थी। लेकिन आखरी वक्त पर पाकिस्तान ने इस बैठक से दूरी बना ली थी।
बता दें सऊदी अरब की तरफ से मुस्लि’म देशों के सहयोगी संगठन के सदस्य देशों को जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा के लिये जल्दी ही बुलाया जाने वाला है इसकी खबरे आ रही हैं। इस पर ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तिहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदउद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी को निशा’ना बनाया है।
असदउद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मुस्लि’मों के मुद्दे का अंत’र्राष्ट्रीयकर’ण कर दिया है। लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने सऊदी अरब और यूएई के साथ आर्थिक संबं’धों का गलत आंका है। मुस्लि’म जगत में कश्मीर के अलावा नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर पर चर्चा हो रही है। और इसमें नाराज ईरान भी शामिल है।
आपको बता दें पाकिस्तान की मांग पर सऊदी अरब (OIC) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने को तैयार हो गया है। और माना जा रहा है कि इस बैठक में कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी. सऊदी के इस कदम को भारत के लिए झटके के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि खाड़ी देशों से भारत का अहम रिश्ता रहा है।
Modi has internationalised the Indian Muslim issue, but seems to have miscalculated his economic friendship with MbZ/S
Now the Muslim world is debating reactions to India’s actions on Kashmir and CAA-NPR-NRC, and this includes an already angry Iran.— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 29, 2019
ओवैसी की टिप्पणी को इसी नजरिए से देखा जा रहा है कि भारत के खिला’फ सऊदी अरब जा सकता है। भारत से कूटनीतिक गलती हुई है। क्योकि मुस्लि’म देशों के संगठनों से पाकिस्तान लगातार भारत के मुसलमा’नो के धार्मि’क उ’त्पीड़’न का मुद्दा भी उठा रहा है। पाकिस्तान नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिला’फ चल रहे प्रदर्शनों का इस्तेमाल करना चाहता है।
हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सऊदी विदेश मंत्री से कहा था कि भारत में मुसलमा’न मोदी सरकार द्वारा बुरी तरह से प्रता’ड़ित किए जा रहे हैं।
उन्होंने एनआरसी और सीएए पर विस्तार से अपनी बात रखी और कहा कि भे’दभा’वपूर्ण कानून के जरिए भारत सरकार अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमा’नों को हाशिये पर ढ’केल रही है और उन्हें बहुत सुनियोजित तरीके से नागरिकता से वं’चित करने का प्रयास कर रही है।