मुंबई: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर देशभर में मचे घ’मासान में एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी कूद पड़े हैं। उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि छात्रों के साथ वह जो कर रहे हैं, वह नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री ठाकरे ने जामिया यूनिवर्सिटी में हुई हिं$सा के लिए पुलिस पर आरोप लगाया और कहा कि वहां जो कुछ भी हुआ, वह जलियांवाला बाग जैसा है।
बता दें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को महा अघाड़ी के विधायकों के साथ बैठक के दौरान सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश में अराजकता पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, मुझे समझ नहीं आया कि दिल्ली के लोग क्या करना चाहते हैं. इस देश के लोगों में तनाव और भय का माहौल पैदा किया जा रहा है।
उद्धव ठाकरे बोले- जलियांवाला बाग जैसी है जामिया में पुलिसिया कार्रवाई
आपको बता दें कि दिल्ली के जामिया नगर इलाके में हुई हिं#सा, आ’गज’नी और तो’ड़फो’ड़ के मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। और इन गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी आपराधिक पृ’ष्ठभूमि के हैं और इनमें कोई भी जामिया का छात्र नहीं है। बता दें कि साउथ दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिं#सा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने 2 FIR दर्ज की थी।
Maharashtra CM Uddhav Thackeray: What happened at Jamia Millia Islamia, is like Jallianwala Bagh. Students are like a ‘Yuva bomb’. So we request the central government to not do, what they are doing, with students. pic.twitter.com/lNGrgCPrIU
— ANI (@ANI) December 17, 2019
वही उद्धव ठाकरे ने विधायकों से अपील करते हुए कहा की अपने क्षेत्र में आपकी जिम्मेदारी है. मा’चिस जलाने के प्रयास होते हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में चीजें गलत न हों. सत्र समाप्त होने के बाद जब आप निर्वाचन क्षेत्रों में लौटें तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके क्षेत्र में कुछ भी न हो।
शिवसेना नेता संजय राउत से भी नागरिकता कानून को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपनी कैबिनेट बैठक में इस कानून के समर्थन या विरोध के बारे में फैसला लेंगे। वही कांग्रेस के मंत्रियों ने कहा है कि वे नागरिकता संशोधन कानून महाराष्ट्र में लागू नहीं होने देंगे।
वही शिवसेना की तरफ से बयान आया है कि ये कानून असंवैधानिक है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी के तीनों दलों के नेताओं के साथ मीटिंग करने के बाद इस बारे में फैसला करेंगे हलाकि शिवसेना ने राज्यसभा में CAB की वोटिंग के दौरान विरोध में वॉकआउट किया था।