जयपुर: पहलू खान मामले में अदालत ने पुलिस को लगाई फटकार जज ने कहा की एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी यह जांच अधिकारी की ओर से बरती गई गंभीर लापरवाही दिखाता है और कोई सबूत न होने की वजह से अदालत ने पहले बुधवार को 6 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया और और वीडियो और तस्वीरों के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई थी उन्हें अदालत में पेश नहीं किया गया।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक अतिरिक्त जिला जज सरिता स्वामी ने अपने फैसले में कहा कि खान उनके बेटों और उनके साथियों द्वारा पुलिस को दिए गए शुरुआती बयान में छह आरोपियों के नाम नहीं थे. आरोपियों पर केवल तस्वीरों और मोबाइल फोन पर बनाए गए वीडियो के आधार पर आरोप लगाए गए थे. लेकिन आज वह सब गायब है यह पुलिस की बहुत बड़ी लापरवाही।

वही अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह से इस मामले में अभियोजन के अनुसार, मोबाइल द्वारा घट’ना के बनाए गए दो वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की गई. लेकिन हैरानी की बात है कि रमेश सिनसिनवार द्वारा हासिल किए वीडियो और उससे तैयार तस्वीरों को रिकॉर्ड में नहीं लिया गया था और न ही वह मोबाइल जब्त किया गया था, जिसमें वीडियो था।
सिनसिनवार ने अपने अदालत में दिए गए बयान में कहा कि उन्हें एक मुखबिर से एक वीडियो मिला था, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने वीडियो को फॉरेंसिक लैब में नहीं भेजा था. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आरोपी के कॉल डिटेल के लिए उन्हें नोडल अधिकारी से प्रमाणपत्र नहीं मिला था और न ही उन्हें किसी से सत्यापित किया गया था।
उन्होंने अदालत में यह भी बताया कि उन्होंने अभियुक्तों से बिल और सिम आईडी जैसे कोई दस्तावेज नहीं लिए हैं, जिससे पता चल सके कि वे मोबाइल आरोपियों के थे. इसके साथ उनके फोन भी जब्त नहीं किए गए थे।
Our State Government has enacted law against mob lynching in first week of August 2019.
We are committed to ensuring justice for family of late Sh Pehlu Khan.
State Government will file appeal against order of ADJ.— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 14, 2019
वही अब इस मामले में खान के बकील कासिम खान ने कहा, की वीडियो साक्ष्य अदालत में स्वीकार नहीं थे क्योंकि उन्हें अदालत में पेश करने के लिए जिन प्रक्रियाओं के पालन की आवश्यकता थी पुलिस द्वारा जांच के दौरान उनका पालन नहीं किया गया. इसके परिणाम की वजह से सभी छह अभियुक्त मुक्त होकर बाहर आ गए. इस दौरान अदालत ने राजस्थान पुलिस की ओर से जांच में बरती गई गंभीर खामियों को जिम्मेदार ठहराया।
अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची कि अभियोजन पक्ष द्वारा एक अन्य वीडियो भी लाप’ता हो गया, और इसी के साथ 3 गवाह अपने बयान से मुकर गए. और जज ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा की ससे जांच अधिकारी की ओर से गंभीर लापरवाही का पता चलता है. सूत्रों से पता चला है कि पहलू खान की भीड़ हत्या के इस मामले में कुल नौ आरोपियों में तीन नाबालिग हैं, जिनका मामला किशोर न्यायालय में चल रहा है।
आपको बता दें घट’ना 2 साल पहले साल 2017 कि है जब पहलू खान एक अप्रैल 2017 को जयपुर से दो गा’य खरीद कर जा रहे थे और बहरोड़ में भी’ड़ ने गो तस्करी के शक में उन्हें रोक लिया. खान और उसके दो बेटों को भी’ड़ ने घेर लिया और उनकी ज़ोर से पिटा’ई कि इसके बाद तीन अप्रैल को इलाज के दौरान अस्पताल में खान की मौ’त हो गयी।
इस घट’ना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और एक समाचार चैनल द्वारा की गयी एक रिपोर्ट में भी एक आरोपी को पहलू खान को मारने की बात स्वीकार करते हुए दिखाया गया था।
साभार: thewirehindi