केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमेशा से ही देश में रहने वाले मुसलमानों की अनदेखी करने और धुर्विकरण करने के आरोप लगते रहे हैं. लोकसभा चुनावों के दौरान भी इस तरह के आरोप अक्सर ही सुनाई देते रहे है. इसी बीच पीएम मोदी ने इन सभी को लेकर और साथ ही भारतीय मुसलमानों के नेतृत्व का मुद्दा उठाते हुए कई अहम मुद्दों पर चर्चा की हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि जब भी देश में चुनाव होते हैं तब ही देशभर के मुसलमानों में बीजेपी के प्रति भय फैलाकर उनका वोट लेने की कोशिश होती है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास रहा है कि मुसलमानों में से अच्छा नेतृत्व पैदा हो जैसे हम अब्दुल कलाम जी को लेकर आए थे. राष्ट्रपति बनाया था.

उन्होंने आगे विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उस दिशा में अगर वो लोग जाते तो देश की एकता को ताकत मिलती जो वो नहीं चाहते हैं. विपक्ष के लिए मोदी के नाम का उपयोग करके अपनी वोट बैंक की राजनीति चमकाना है.
पीएम ने कहा कि जहां तक मेरा सवाल है हम एक ही संस्कार लेकर राजनीति में आए हैं. हमारा सिर्फ एक ही मंत्र हैं, सबका साथ, सबका विकास. पीएम ने कहा कि जब वो बिजली देते हैं तो आला अधिकारीयों को कहते हैं कि गांव के एक तरफ से शुरू करो. सभी घरों को क्रमवार बिजली मिलना सुनिश्चित हो.
पीएम मोदी ने कहा कि मान लीजिए इस साल 25 घरों को बिजली देने का बजट रखा गया है. अगली बार जब 26 से 50 का बजट आएगा उसे दो. यह मत पूछो कि कौन किस जाति का है, किस पंथ का है. यही देश का भला करेगा.
इसी दौरान पीएम मोदी ने ईवीएम को लेकर विपक्ष के आरोपों पर कहा कि पूरी दुनिया में भारत के चुनाव आयोग की जय-जयकार होती है. आज दुनिया में जो भी लोग लोकतंत्र में विश्वास करते हैं वो हमारी चुनाव प्रक्रिया, चुनाव आयोग, ईवीएम को बड़े आदर और गर्व के साथ देखते हैं.