ईरान में कई शहरों में पेट्रोल की कीमत को बढ़ाए जाने के विरो’ध में वहां के तमाम शहरों में धरने और प्रदर्श’न हो रहे हैं. जिससे ईरान की लाइफ लाइन चरमरा गई है, यहां लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है, क्योंकि बीते शुक्रवार को ईरान की सरकार ने पेट्रोल पर मिलने वाली सब्सिडी को कम कर दिया है. और इस वजह से ईरान में पेट्रोल की कीमतों में 50 फ़ीसदी का इजाफा हो गया है. यह महंगाई जनता के लिए कमरतोड़ साबित हो रही है. एकदम से दुगुना दाम इन्सान को झेलना बस की बात नहीं.
दरअसल इरान ने पेट्रोल पर मिलने वाली सब्सिडी को कम करने की वजह भी बताई है. वहां की सरकार ने कुछ इस तरह का फैसला इस वजह से लिया है जिससे सब्सिडी घटाने से जो सरकार के पास अतिरिक्त पैसा आएगा. उस पैसे से इरान की गरीब जनता का भला किया जायेगा.
इरान सरकार ने कहा है कि यह पूरा पैसा उन लोगों के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा. फ़िलहाल ज्यादा बवाल हो जाने के चलते वहां इंटरनेट पर पाबंदी लगी हुई है. यह प्रदर्शन बीते शुक्रवार से चालू हुआ था और अब तक नहीं रुका है. जिसको देखते हुए अगले दिन यानि शनिवार से ही सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है.
शहरों में इन्टरनेट सेवाएँ बंद हो जाने के कारण ईरान के लोगों का बाहरी दुनिया से संपर्क लगभग कट सा गया है. बीबीसी हिंदी के अनुसार अब नए नियमों के अनुसार प्रति वहां चालक को 1 महीने में तकरीबन 60 लीटर पेट्रोल खरीदने की ही इजाजत होगी.
उस वाहन मालिक को 60 लीटर पेट्रोल के बदले 15 हज़ार रियाल चुकाने होंगे. जो तकरीबन 32 रुपए प्रति लीटर की कीमत के हिसाब से बन रहा है. लेकिन अगर उस वहां चालक को महीने में उससे ज्यादा पेट्रोल की जरूरत होती है, तब ऐसे में उसके लिए दाम सीधा दोगुना हो जाएगा.
यानी कि जो 60 लीटर पेट्रोल है वह 15 रियाल में मिलेगा और उससे ज्यादा खरीदने पर उसको 30 हज़ार रियाल चुकाने होंगे. इस तरह से वो 32 रुपए की जगह सीधा 64 रुपया देगा. सरकार द्वारा इस तरह की अजीबोगरीब शर्त से शहरों के लोग इतने नाराज हुए कि वह सड़कों पर आ गए.
जिसके बाद यह विरो’ध धीरे-धीरे बड़े प्रदर्श’न में बदल गया. इतना ही नहीं एक-एक करके यह विरो’ध प्रदर्शन 100 से ज़्यादा शहरों को अपनी चपेट में ले चुका है और भी शहरों फैलता चला जा रहा है. जगह-जगह सड़कों पर जाम लगे हुए हैं.
शुक्रवार से लेकर रविवार तक ही 100 से ज्यादा शहरों में प्रदर्शन शुरू हो चुके थे. अब यह विरोध प्र्धर्शन हिंस’क प्रदर्श’नों का रूप ले रहे हैं. अब देखना यह है कि सरकार अपनी जनता के लिए क्या इस नए नियम में कुछ बदलाव करती है या नहीं.