दक्षिण अफ्रीका के वरिष्ठ क्रिकेटर और बेहतरीन बल्लेबाज हाशिम अमला का नाम क्रिकेट की दुनिया मे बड़े ही सम्मान से लिया जाता हैं. अमला अब तक के क्रिकेट इतिहास के सबसे ईमानदार क्रिकेटर में शुमार किये जाते है. अमला उन क्रिकेटरों में से है जो आउट होने के बाद अपील करने और अम्पायर द्वारा आउट देने का इंतजार करें बिना ही खुद क्रीज छोड़ देते हैं.
रमजान उल मुबारक के महीने में आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप की शुरुआत हो गई है. ऐसे में हाशिम अमला सहित अन्य कई मुस्लिम क्रिकेटर रोज़ा भी रख रहे है और इसके साथ ही क्रीज पर उतर कर अपने देश के लिए मैच भी खेलने वाले हैं. ऐसे में हाशिम अमला ने अपना बयान देकर अपनी इज्जत और बढ़ा दी है.
रोज़े को लेकर अमला ने कहा कि यह वास्तव में मेरी कंडीशनिंग में मदद करता है. रोज़ा एक ऐसी चीज है जिसके लिए मैं हमेशा तत्पर और उत्सुक रहता हूं. यह वर्ष का सबसे अच्छा महीना है और मुझे बेसब्री से इसका इंजतार रहता हैं. मैं इस रमजान के महीने को रूहानी और जिस्मानी वर्जिश रूप में देखता हूँ.
रमजान के दौरान वर्ल्ड कप पड़ने पर दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज हाशिम अमला ने खुशी जताते हुए कहा कि रोजे रखने से अच्छी मानसिक और अध्यात्मिक कसरत हो जाती है. अमला ने आईसीसी की वेबसाइट पर कहा कि इससे मुझे अनुकूलन में मदद मिलती है.
उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से रोजे रखता रहा हूं. यह साल का सबसे बेहतरीन और अच्छा महीना होता है. मुझे लगता है कि इससे अच्छी मानसिक और अध्यात्मिक कसरत कोई और नहीं हो सकती हैं. आपको बता दें कि इससे पहले अमला 2012 में भी रमजान के दौरान इंग्लैंड में ही थे.
Hashim Amla “fasting is something I always look forward to and it’s the best month of the year for me” #CWC19 #Ramadan pic.twitter.com/usvgzkJ0jM
— Saj Sadiq (@Saj_PakPassion) May 28, 2019
इस दौरान टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के लिए सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था. दक्षिण अफ्रीका की अंतिम एकादश में उनके खेलने को लेकर भले ही सस्पेंस बना हुआ है लेकिन विश्व कप से पहले अभ्यास मैचों में उन्होंने लगातार अर्धशतक जड़े हैं.