पुलवामा में हुए दर्दनाक आतं’की हमले के बाद से ही देश भर में आक्रोश देखने को मिला. इस हम’ले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. पूरा देश शहीदों के परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए उनके साथ खड़ा हो गया. पुरे देश की जनता ने शहीदों के परिवारों की सहायता के लिए आर्थिक मदद करने में जुटी हुई है. इसी बीच अब कोटा के रहने वाले एक मुस्लिम युवक ने भी शहीदों के परिवार को सहायता देने के लिए पीएम राष्ट्रीय राहत कोष में सहायता राशि जमा करने की पेशकश की है. उनके इस कदम की काफी तारीफ हो रही है.
मूल रूप से कोटा के रहने वाले मुर्तजा अली ने शहीदों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में 110 करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की पेशकश की है. मुर्तजा अली वर्तमान में मुंबई में रहते है और बतौर साइंटिस्ट कार्य कर रहे है.
मुर्तजा अली ने शहीदों की सहायता के लिए पीएमओ में मेल करके उनके संपर्क किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है. उनके मेल के जवाब में पीएमओ ने उन्हें दो-तीन दिन में मीटिंग फिक्स करने का जवाब भेजा है. मुर्तजा रहा राशि अपनी टैक्सेबल आय से देंगे.
मुर्तजा अली ने भास्कर से बातचीत में कहा कि पुलवामा अटैक काफी बड़ी और दिल दहला देने वाली घटना है और इसमें देश ने अपने 40 वीर जवान खोए हैं. सेना और उनके परिवारजनों की किसी तरह से मैं मदद कर सकूं, इसलिए यह राशि राष्ट्रीय राहत कोष में देने का मन बनाया हैं.
उन्होंने बताया कि इसके लिए 25 फरवरी को उन्होंने पीएमओ को ई-मेल भेजा था और प्रधानमंत्री से मीटिंग के लिए समय की मांग की थी. इसके जवाब में फंड के डिप्टी सेक्रेटरी अग्नि कुमार दास ने कागजी कार्यवाही के लिए मुर्तजा अली की प्रोफाइल मांगी थी.
मुर्तजा ने उन्हें प्रोफाइल, पैन कार्ड सहित राशि की पूरी डिटेल पीएमओ को दी. जिसके बाद एक मार्च को वहां से जवाब आया कि दो-तीन दिन में उन्हें मीटिंग का दिन और समय बता दिया जाएगा. मुर्तजा ने बताया कि वह पीएम से मिलकर उन्हें 110 करोड़ का चेक सौंपेंगे.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वह इस दौरान सामाजिक कार्यों के लिए नई योजनाओं व कुछ नई टेक्नोलॉजी के बारे में भी पीएम से बात करेंगे. मुर्तजा कहते हैं कि हमने फंड में 110 करोड़ रुपए देने के लिए पूरी कागजी कार्रवाई कर ली है पीएमओ के निर्देश के मुताबिक चेक या डीडी से भुगतान कर दिया जाएगा.
आपको बता दें कि मुर्तजा जन्म से नेत्रहीन हैं और उन्होंने कोटा कॉमर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. उनका पुश्तैनी बिजनेस ऑटोमोबाइल का था. उन्होंने फ्यूल बर्न रेडियेशन टेक्नोलॉजी का इजाद किया था. इसकी मदद से जीपीएस, कैमरा या अन्य किसी उपकरण के बिना ही किसी भी वाहन को ट्रेस किया जा सकता है. अब एक कंपनी के साथ करार होने के बाद उन्हें अच्छी रकम मिली है.