बीते कुछ माह पहले आपको ध्यान होगा कि सऊदी क्रॉउन प्रिंस बिन सलमान पर पत्रकार खगो’शी की ह@त्या का आरोप लगा था, तब से यह खबर काफी चर्चा में थी इसके बाद वक्त भी जाने के साथ साथ यह खबर दब गई. लेकिन यूएन के जांचकर्ता और एक्सपर्ट अंदर ही अंदर इसकी पूरी तरह से छानबीन में लगे हुए थे. हालांकि कुछ समय उस समय भी यूएन एक्सपर्टो ने दावा किया था कि उनके पास कुछ ऐसे सबूत हैं जिनकी वजह से लगता है कि सऊदी में ही खामोशी की ह@त्या की गई है.
अब यू एन के एक्सपर्ट की एक रिपोर्ट में जाँच के आधार पर कहा गया है कि पत्रकार खगोशी की ह@त्या के मामले में सऊदी ने जांच को उतना महत्व नहीं दिया और यह एक तरह से न्याय को मिटाने और सबूतों को नष्ट करने के जैसा है. इस रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि घटनास्थल की पूरी तरह सफाई किए जाने के संकेत मिलते हैं.

जिससे यह लोग कटघरे में खड़े हो सकते हैं, यूएन के एक फ्रीडम स्वतंत्र विशेषज्ञ ने बुधवार के दिन बताया कि पत्रकार जमाल खगोशी की ह@त्या पिछले साल 2018 अक्टूबर में हुई थी, और उन्होंने दावा किया था कि सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान इस मामले से संबंध रखते हैं.
साथ ही ये भी कहा गया था कि इसके बारे में उनके पास ठोस ठोस सबूत भी हैं. इसके साथ ही उन्होंने सऊदी क्रॉउन प्रिंस के विदेशी निजी संपत्तियों पर बैन लगाने की मांग की थी. अब एक और विशेष प्रतिनिधि एग्नेस कल्लामार्ट की नई रिपोर्ट आई है, जो उस पत्रकार की हत्या के पीछे इनकी भूमिका स्पष्ट करती है.

बताया जाता है कि शुरू में पूछताछ के दौरान सऊदी अधिकारियों ने बताया था कि उन्हें पत्रकार के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं है लेकिन बाद में कहा गया वाणिज्य दूतावास में असामाजिक तत्वों द्वारा उनकी ह@त्या की गई है.
हालांकि सऊदी अभियोजकों ने इस मामले में सऊदी के आरोप से दोषमुक्त कर दिया था. उनकी जांच में यह साबित हो जाता है कि इस मामले में उनके पास सबूत भी हैं. अब यह मामला संयुक्त राष्ट्र के हाथ में है, अब देखना है कि यह जांच की प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ेगी और अगर ऐसा पाया जाता है.
तो सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर इस तरह की कार्रवाई की जाती है. इसका पता बाद में लगेगा हालांकि कुछ विशेषज्ञों का इस तरह से भी मानना है कि तुर्की और सऊदी अरब द्वारा की गई अभी तक की जांचों में कुछ हासिल नहीं हो पाया है.
सऊदी के अधिकारी दावा करते हैं की इस मामले में सऊदी के युवराज प्रिंस की किसी भी तरह की भूमिका संलिप्त नहीं है और यह जांच अंतरराष्ट्रीय मानकों पर के आधार पर उनको पूरा करने में एक तरह से पूरी तरह से असफल रही हैं.