रियाद: सऊदी अरब में साठ साल बाद महिलाओँ को उनके अधिकार मिलने लगे है। अब सऊदी महिलाएं बिना किसी पुरुष के अपने बच्चों के पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकेंगी एक नए कानून के तहत वह विदेश यात्रा भी कर सकेंगी जो महिलाओं के लिए बहुत ही ख़ुशी और आज़ादी वाली बात है। सऊदी अरब के जनरल डायरेक्टोरेट ऑफ़ पासपोर्ट की वेबसाइट में किये गए बदलाव से यह साबित हो गया है कि इस महीने की शुरुआत में एक बड़ा कानून कैसे बदला है जिससे अगस्त के बाद 21 से ज्यादा महिलाओं को उनके रिश्तेदारों की अनुमति के बिना देश छोड़ने की अनुमति दी।
सऊदी की महिलाओं के लिए कार्य कर रही संस्थाओं ने सऊदी की संरक्षता प्रणाली के खिलाफ कई वर्षों से आवाज उठाई है। जिसमे हमेशा अपने जीवन भर पुरुष रिश्तेदारों के आश्रतु होने को बताया है आम तौर पर एक पिता या पति परन्तु कभी-कभी तो एक भाई या बेटे के रूप में उन पर निर्भर होती हैं।
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी अरब के लिए अपने दिल में आर्थिक परिवर्तन योजना को हटा कर सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिवंध लगाया है जो तेल से कई दूर विविधता लाने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने पर निर्भर करता है।
इस नए कानून में यह अधिकार दिया गया है कि कोई भी 21 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष या महिला बिना किसी अभिभावक के और बिना किसी की इजाज़त के अपना पासपोर्ट बनवा सकते हैं और यात्रा कर सकते हैं।
इस क़ानू’न से पहले बिन सलमान ने महिलाओं के लिए एक और अधिकार दिया था जो ऐतिहासिक बन गया है। आज से पहले कभी सऊदी अरब में किसी महिला को गाडी चलने की इजाज़त नहीं थी पिछले 60 साल से भी अधिक समय से महिलाएँ सिर्फ गाडी में यात्री सीट पर बैठती आयीं हैं उनको गाडी चलने का अधिकार नहीं था पर अब उनको अधिकार मिलने के बाद 1.51 करोड़ महिलाएं पहेली बार गाडी लेकर सड़कों पर उतरने में सक्षम रहेंगीं।