नई दिल्लीः नागरिता संशोधन एक्ट (Citizenship Amendment Act) और एनआरसी के खिलाफ देश भर के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसकी शुरुआत पूर्वोत्तर भारत के असम से हुई। जिसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में भी जबरदस्त प्रदर्शन हुए। जामिया विश्वविद्यालय में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को सड़क पर सियासत के साथ छात्रों का संघर्ष जारी रहा।
वही जामिया में पुलिसिया कार्रवाही को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इंडिया गेट पर धरने पर बैठीं जबकि प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विशाल पैदल मार्च निकाला। वहीं, दस से अधिक बड़े संस्थानों में प्रदर्शन हुए। पीएम मोदी ने संशोधित नागरिकता कानून सीएए के खिलाफ देश भर में हो रहे हिं’सक प्रदर्शनों को सोमवार को दु’र्भाग्यपू’र्ण एवं बे’हद निराशाजनक करार दिया।
नागरिता संशोधन एक्ट को लेकर शाही इमाम बुखारी का बड़ा बयान
इसी बीच जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी का भी बड़ा बयान सामने आया है। सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि विरोध करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन प्रदर्शन के दौरान भावनाओं पर नियंत्रण करना जरूरी है।
एएनआई के मुताबिक, जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआसरी) में अंतर है।
Shahi Imam of Delhi’s Jama Masjid, Syed Ahmed Bukhari: Under Citizenship Amendment Act (CAA), the Muslim refugees who come to India from Pakistan, Afghanistan, & Bangladesh will not get Indian citizenship. It has nothing to do with the Muslims living in India. (17.12.19) https://t.co/zlOIlQXocg
— ANI (@ANI) December 18, 2019
यह एक कानून नहीं है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आने वाले मुस्लि’म शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता नहीं मिलेगी।
लेकिन वहीं इसका भारत में रहने वाले मु’सलमा’नों से कोई लेना-देना नहीं है। इस बात को भी उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले मु’स्लमा’नों का इस बिल से कोई लेना देना नहीं है।