पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद भी घ’टनाक्रमों का दौर लगातार जारी है. उत्तर 24 परगना जिले में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. इस झड़प में कई लोगो की जान चली गई जबकि चार अन्य लोग घा’यल हो गए. लोकसभा चुनावों में बीजेपी के 18 सीट जीतने के बाद तो उनकी पकड़ पश्चिम बंगाल पर दिनों-दिन और ढीली पड़ती जा रही है। एक तरफ डॉक्टरों के हड़ताल तो वही दूसरी तरफ वहाँ के आम नागरिकों को आये दिन की परेशानी, जिससे उनकी परेशानी लगातार बढ़ती ही जा रही है। डॉक्टरों पर मुसलमानों के द्वारा किए ह’मले के बाद हाल ही में मिस इंडिया यूनिवर्स की मामले में भी एक मुसलमान का नाम सामने आया है।
आपको बता दें कोलकाता में पूर्व मिस इंडिया यूनिवर्स और अभिनेत्री उशोशी सेनगुप्ता ने कुछ मनचलों पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। उन्होंने मंगलवार को अपने साथ हुए अभद्र व्यवहार के बारे में फेसबुक पर पोस्ट भी शेयर किया। उशोशी ने अपने साथ हुई इस घटना पर कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह छेड़छाड़ के बारे में नहीं है। इस मुद्दे का एक बड़ा उद्देश्य है, यह लोगों की सुरक्षा के बारे में है। अगर मैं चुप बैठी रहती तो मुझे कुछ नहीं होता। लेकिन, मेरा ड्राइवर को बुरी तरह से पी’टा गया। इसलिए मुझे बोलना पड़ा।

अभिनेत्री उशोशी सेन गुप्ता के साथ हुए दुर्व्यवहार के बाद बड़ा सवाल उठता है की कार्रवाई करें तो करें कैसे? जिसको लेकर अब उनकी मुश्किल थोड़ी आसान हो गई है। कोलकाता के कुछ मुस्लिमों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर प्रदेश के हाल की घटनाओं पर अपनी नाराजगी ज़ाहिर करते हुए एक पात्र लिख है।
पत्र में लिखा गया है कि लिखनेवाले कोलकाता में रहने वाले मुसलमान हैं, जो दशकों से यहाँ रह रहे हैं और हालिया दो घटनाओं से बेहद आहत हैं- पहला मामला डॉक्टरों पर ह’मला और वही दूसरा मामला पूर्व मिस इंडिया यूनिवर्स उशोषी सेनगुप्ता पर ह.मला। और उनके ड्राइवर की बेरहमी से पिटाई। को लेकर उनका कहना है कि इन दोनों घटनाओं में शामिल आरोपी मुस्लिम हैं। और वे उन्ही के मजहब आते हैं, इससे वे और भी ज़्यादा आहत और खीझ से भरे हैं।

इसके बाद पत्र में उन्होंने अपने तरफ से ममता बनर्जी को दो रास्ते सुझाएँ हैं जिससे इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। पत्र के अनुसार, पहला अ’परा’धियों को गि’रफ्ता’र किया जाए। न केवल इस मामले में बल्कि उन सभी मामलों में उन्हें गिरफ्तार किया जाए जहाँ दो’षी या आरोपित मुस्लिम हैं।
क्योंकि लोगों के बीच यह मत पुष्ट होता जा रहा है कि मु@स्लिम तु ष्टिक रण के कारण राज्य उन सभी अपराधियों को खुली छूट दे रही है जो मु@स्लिम समुदाय से आते हैं। ऐसे आरोपितों को राज्य द्वारा सिर्फ उनके मु@स्लिम होने के कारण बच के निकल जाने दिया जा रहा है या उन्हें कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की जा रही है।

दूसरा सलाह है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में ऐसे प्रोग्राम चलाए जाने चाहिए जिससे मुस्लिम युवाओं में सं वेदनशी लता और जागरूकता पैदा हो खासतौर से जेंडर सेंसिटिविटी कानूनों के प्रति जागरूकता के क्षेत्र में। बेशक यह एक लम्बी प्रक्रिया है लेकिन इसकी शुरुआत होनी चाहिए।
इन दोनों मामलों में एक मामला पूर्व मिस इंडिया का है जिसमें, पूर्व मिस इंडिया यूनिवर्स उशोषी सेनगुप्ता ने खुद फेसबुक पर अपनी दास्ताँ बयाँ की है और बताया है कि कैसे 6 लड़कों ने उनकी गाड़ी के साथ अपनी बाइक भिड़ाने के बाद उनके ऊबर कैब के ड्राइवर को बेरहमी से पी’टा।

उसकी गाड़ी तोड़ दी और उशोषी के भी साथ बदतमीज़ी की। और इस दौरान कोलकाता की पुलिस मूकदर्शक बनी ज्यूरिस्डिक्शन-ज्यूरिस्डिक्शन (मेरा एरिया-उनका एरिया) खेलती रही। यहाँ तक कि मामले की प्राथमिकी दर्ज करने से भी इनकार किया और मामला तूल पकड़ने के बाद ही ढंग से प्राथमिकी हुई।
इसके अलावा व्यापक आक्रोश का मुद्दा बना डॉक्टरों के ऊपर ह मला कोलकाता स्थित नील रतन सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सोमवार (10 जून) को एक बुजुर्ग मरीज मोहम्मद शाहिद की मौ त के बाद उसके परिजनों ने डॉक्टर परिबाह मुखोपाध्याय पर घा तक ह मला किया।