देश में जाती बाद को लेकर फ़ैल रही नफरतों की आग दिन व दिन बढ़ती नज़र आ रही है| इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस नफरत से अब स्कूल में पड़ने वाले बच्चे भी सुरक्षित नहीं हैं| इसी आग के चलते कक्षा 6 वीं की परीक्षा का एक मामला सामने आया है जिसमे बच्चों से ऐसे सवाल पूछे गए जिनसे विवाद उत्त्पन हो गया| इस परीक्षा का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर बहुत ज़ोर से वायरल हो रहा है| लोग इसका विरोध कर अपनी नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं| नराज़की ज़ाहिर कर विरोध प्रदर्शन करने वाले सिर्फ आम आदमी नहीं बल्कि कई बड़े बड़े नेता और अभिनेता और देश के कई समृद्ध लोग भी इसका विरोध कर नाराज़गी जाता रहे हैं|
बता दें तमिलनाडु के एक विद्यालय कि कक्षा 6 की इस परीक्षा में कथित तौर पर दलितों और मुसलमानों से जुड़े विवादास्पद सवाल प्रश्नपत्र में पूछे गए जिससे पूरे तमिलनाडु में विवाद हो गया है| कई राजनेताओं ने धर्म और जाति से जुड़ी रूढ़िबद्ध धारणाओं पर आधारित सवालों को लेकर नाराजगी जाहिर की है। सोशल मीडिया यूज़र्स इस प्रश्न पत्र की कॉपी को खूब ज़ोर से शेयर कर रहे हैं|
वायरल हुए इस प्रश्न पत्र को लेकर पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है| हालांकि, फिलहाल यह साफ नहीं है कि राज्य के किस स्कूल में बच्चों से ये सवाल पूछे गए हैं। इसी के चलते डीएमके प्रमुख स्टालिन से लेकर एआईएमआईएम चीफ ओवैसी तक ने इस मामले पर नाराजगी जाहिर की है।
जानकारी के लिए बता दें कि प्रश्नपत्र में कई बहुविकल्पीय सवाल पूछे गए हैं। इसमें से एक में पूछा गया है कि ‘दलित’ का क्या मतलब है? जवाब के तौर पर विदेशी, अछूत, अगड़ी जाति, मध्यम वर्ग का विकल्प दिया गया है।
Shocked and appalled to see that a Class 6 Kendriya Vidyalaya exam contains questions that propagate caste discrimination and communal division.
Those who are responsible for drafting this Question Paper must be prosecuted under appropriate provisions of law.@HRDMinistry pic.twitter.com/kddu8jdbN7
— M.K.Stalin (@mkstalin) September 7, 2019
इस प्रश्न पत्र की नेताओं और बड़े बड़े सम्पन लोगों द्वारा इसकी आलोचना की गयी है जिनमे स्टालिन और ओवैसी के अलावा, राज्यसभा सांसद वाइको, एएमएमके जनरल सेक्रेटरी टीटीवी दिनाकरन और सीपीएम नेता कनागराज आदि भी शामिल हैं।
इसके विरोध प्रदर्शन में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को टैग करते हुए स्टालिन ने ट्वीट किया कि में यह देखकर हैरान हूं कि कैसे कभी कोई क्लास 6 की परीक्षा में ऐसे सवाल पूछे गए हैं जो जातिगत भेदभाव और सांप्रदायिक बंटवारे को बढ़ावा देते हैं। ऐसा प्रश्नपत्र बनाने के लिए जिम्मेदार लोगों पर उचित कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
How about asking the following to Class 6 KV students:
1 Who stereotyped Muslims & enabled their exclusion, allowed for mass violence against them?
2 Who benefited most from millennia of untouchability & slavery of Dalits?You don’t need an MCQ to answer these pic.twitter.com/IoeXBfmy7j
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 7, 2019
बता दें कि इस प्रश्नपत्र में एक अन्य सवाल भी है जिसमें पूछा गया है कि मुसलमानों के खिलाफ आम तौर पर कौन सी रूढ़िबद्ध धारणाएं समाज में पायी जाती हैं? विकल्प के तौर पर ये जवाब सुझाए गए हैं कि मुसलमान अपनी लड़कियों को स्कूल नहीं भेजते, वे पूरी तरह शाकाहारी होते हैं, वह रोजे के वक्त जरा सा भी नहीं सोते या इनमें से सभी।
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने इस सवाल पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए गुस्से से पूछा कि क्या छठवीं के बच्चों से पूछा जाएगा कि मुसलमानों के खिलाफ ऐसी धारणा किसने बनाई? उनके खिलाफ व्यापक पैमाने पर हिंसा की इजाजत किसने दी?
साभार: #Jansatta