तिरुवनंतपुरम: केरल के कयामकुलम अलापुज्जा जिले में स्थित चेरुवल्लि मस्जिद में 19 जनवरी को वैदिक मंत्रों का उच्चारण से हिंदू रीति-रिवाज से सात फेरे लिए गए। दरअसल, मस्जिद परिसर में आज 22 वर्षीय अंजू की पारंपरिक हिंदू रीति रिवाजों से शादी की शहनाई गूंजी। बताया गया कि मस्जिद में हुई इस शादी में मंत्र पढ़े गए और दूल्हा दुल्हन ने आ’ग के समक्ष सात फेरे लिए। और दूल्हा दुलहन ने एक-दूसरे को वरमाला माला पहनाई।
आपको बता दें मस्जिद परिसर में मौजूद पंडित ने विधि-विधान से दोनों की शादी करवाई। इसके बाद मस्जिद परिसर में शादी में आए 1000 से भी ज्यादा लोगों के लिए शाकाहारी भोजन का भी इंतजाम किया गया था।
दरअसल, केरल के कयामकुलम अलापुज्जा जिले में स्थित चेरुवल्लि मस्जिद ने आपसी सौहार्द की अद्भुत मिसाल पेश की है। चेरूवली मुस्लि’म जमात मस्जिद के पास रहने वाली 22 वर्षीय अंजू के पिता अशोक की मौ’त हो चुकी है। अंजू का परिवार आर्थिक रूप से बहुत कमजोर है। मां बिंदु ने बेटी की शादी तय कर दी, लेकिन आर्थिक हालात ठीक नहीं होने की वजह से वह परेशान थीं।
An example of unity from Kerala.
The Cheravally Muslim Jamat Mosque hosted a Hindu wedding of Asha & Sharath. The Mosque came to their help after Asha’s mother sought help from them.
Congratulations to the newlyweds, families, Mosque authorities & the people of Cheravally. pic.twitter.com/nTX7QuBl2a
— Pinarayi Vijayan (@vijayanpinarayi) January 19, 2020
अंजू की मां बिंदु मस्जिद कमिटी से मदद मांगी थी। और इस मांग को मस्जिद कमिटी के सचिव नुजुमुद्दीन अलुम्मोत्तिल ने मान लिया जिसके बाद बेटी की शादी के लिए मस्जिद समिति ने यादगार के तौर पर दस सोने की उपहार और दो लाख रुपये देने भी दिया गया। शादी हिंदू परंपरा से हुई और इस शादी में करीब एक हजार लोगों के खाने का इंतजाम किया था।
बता दें साल 2018 में अंजू के पिता अशोकन की मौ’त के बाद परिवार बहुत कठिन हालातों का सामना कर रहा है। नुजुमुद्दीन ने कहा कि उन्होंने छोटे बच्चे की शिक्षा के लिए व्यक्तिगत तौर पर मदद की थी। इस बार मस्जिद कमिटी से अपील की गई थी, क्योंकि शादी का खर्च काफी अधिक होता है। इस लिए मस्जिद कमिटी ने परिवार की मदद का फैसला किया है।
इस दौरान अंजू और शारथा शशि की शादी के लिए मस्जिद परिसर को सजाया गया। मस्जिद परिसर में ही शामियाना बनाया गया और शादी में शामिल होने वाले करीब 1,000 मेहमानों को शाकाहारी भोजन भी मस्जिद कमिटी की और से कराया गया।