कश्मीर मुद्दे को लेकर चल रहे विबाद अब अमेरिका जैसे बड़े देशों में भी उठ रहा है| सभी देश इस मुद्दे को लेकर अपना विरोध व्यक्त कर नाराज़गी जाता रहे हैं| जम्मू कश्मीर से धारा 370 के ज्यादा तर प्रावधान को मोदी सरकार द्वारा हटा दिए जाने पर लोग विरो’ध पर उतर आये हैं आपको बता दें कि लोगों का गु’स्सा जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने का नहीं है बल्कि गुस्सा वहाँ के लोगों पर लगा राखी पावंदी का है उनको कैद कर के रखने का है जिसका विरोध अब अमेरिका के लोग भी कर रहे हैं|
इसी के चलते कश्मीर में मानवाधिकार स्थिति को लेकर अमेरिका के दो सांसदों ने चिंता जाहिर करते हुए विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से अपील की है कि वह कश्मीर में संचार माध्यमों को तत्काल बहाल करने और हिरासत में लिए गए सभी लोगों को छोड़ने के लिए भारत सरकार पर दबाव डालें|
बता दें कि पोम्पिओ को 11 सितंबर को लिखे गए पत्र में प्रमिला जयपाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया और स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को तत्काल जम्मू-कश्मीर में जाने की अनुमति मिलनी चाहिए ताकि वह मानवाधिकार उल्लंघनों की जांच कर पाएं| आपको बता दें कि प्रमिला जयपाल हाउफ ऑफ रिप्रजेंटेटिव में पहली और एकमात्र भारतीय अमेरिकी सांसद हैं| इन्ही के साथ जयपाल के अलावा सांसद जेम्प पी. मैकगवर्न ने भी यह पत्र लिखा है|
जानकारी के मुताबिक़ पत्र में प्रशासन से अपील की गई है कि वह भारत सरकार पर कश्मीर में लगाए गए संचार प्रतिबंध को तत्काल समाप्त करने और ‘एहतियात’ के रूप में हिरासत में लिए गए लोगों को छोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने का दबाव बनाए| इसके बाद लिखा कि भारत सरकार अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करे और एक जगह जुटने तथा प्रार्थना करने के लिए कश्मीरी लोगों के अधिकारों की रक्षा करे|
बता दें कि दोनों सांसदों ने पोम्पिओ से कहा कि वह कश्मीर में मानवीय और मानवाधिकारों के ‘संकट’ को लेकर बेहद चिंतित हैं| उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि उन्हें पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ओर से विश्वसनीय रिपोर्ट मिली है कि भारत सरकार ने हजारों लोगों को हिरासत में लिया है और कर्फ्यू लगा दिया है और लोगों के इंटरनेट कनेक्शन तथा टेलिफोन लाइन भी काट दिए गए हैं|
सांसदों ने भारत सरकार से अपील की है कि वह धार्मिक स्वतंत्रता बरकरार रखे| इसी के साथ जयपाल ने इस पत्र को एक ट्वीट में भी टैग किया है| बता दें कि, पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लेने और संचार प्रतिबंध लगाए जाने के बाद बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लेने पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत से मानवाधिकारों का सम्मान करने का अनुरोध किया था|
I continue to be deeply concerned about credible reports of a humanitarian crisis in Jammu & Kashmir. Even in complex situations, we look to strong democratic allies like India to uphold basic human rights and due process.
Read my letter with @RepMcGovern to @SecPompeo ⬇️ pic.twitter.com/sVwVwXFyWy
— Rep. Pramila Jayapal (@RepJayapal) September 11, 2019
इसी के साथ अमेरिका ने भारतीय अधिकारियों से राज्य के स्थानीय नेताओं से राजनीतिक बातचीत शुरू करने और जल्द से जल्द चुनाव कराने को भी कहा था| जानकारी के लिए बता दें कि, जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को पांच अगस्त को खत्म कर दिया गया था जिसके बाद से वहां प्रतिबंध लगे हुए हैं|
साभारः #TheWire