रमज़ान का पाक माह चल रहा है और पूरी दुनियाभर के मुसलमान रमजान उल मुबारक के मुक़द्दस महीने में रोज़ा रख रहे हैं. साथ ही साथ वह अपना ज्यादा से ज्यादा समय इबादत करने में बिता रहे है. 13 घण्टे से लेकर 16 घण्टे लम्बा रोज़ा मुसलमानों के सब्र का इम्तेहान है. वहीं भारत समेत कई अन्य देशों में गर्मी का तापमान बहुत अधिक है.
रमजान उल मुबारक के महीने में रोजा रखने वाले मुसलमानों को सुबह उठकर सेहरी करना होता हैं. सेहरी करने के लिए उठाने और नींद से जगाने के लिए हर जगह का अपना अलग रिवाज है लेकिन इंडोनेशिया में सेहरी के लिए जागाने में जिस तरीका का इस्तेमाल किया जा रहा है वह चर्चा का विषय बन गया है.
दरअसल सेहरी के लिए उठाने का ऐसा तरीका शायद ही कहीं दूसरी जगह इस्तेमाल होता हों. इंडोनेशियाई एयरफोर्स के अनुसार लोगों को सुबह सेहरी में जगाने के लिए लड़ाकू विमानों का सहारा लिया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि इस तरीके का उपयोग करने से दो काम एक साथ हो जाते है. एक तो नागरिक आसानी से सेहरी में भी उठ जाते है साथ ही साथ एयरफोर्स के जवानों का अभ्यास भी हो जाता हैं.
इंडोनेशियन वायु सेना ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए कहा कि लड़ाका विमानों का यह अभ्यास जावा द्वीप के विभिन्न शहरों में किया जा रहा हैं.
Assalamualaikum, selamat pagi Airmen.
Profesional, militan, dan inovatif harus selalu diasah & dilatihkan kepada seluruh prajurit #TNIAU apapun tugas & tanggung jawabnya.
Visualisasi terbang dini hari yang dilakukan oleh skadron tempur #TNIAU.
Sahur mau dibangunkan? 👤 #Ramadan pic.twitter.com/tAjya2hoTJ— TNI Angkatan Udara (@_TNIAU) May 8, 2019
वहीं इंडोनेशी न्यूज़ पेपर जकार्ता पोस्ट के अनुसार ट्वीट में कहा गया है कि इन्शा अल्लाह, हम लड़ाकू विमानों का प्रयोग करते हुए लोगों को सहरी के लिए जगाने की परंपरा पर अमल करते रहेंगे.
वहीं एयर फ़ोर्स के प्रवक्ता कर्नल सेस एम यूरस ने कहा कि इस अभियान का मुख्य लक्ष्य केवल परंपरा बाक़ी रखना नहीं बल्कि इस बात को सुनिश्चित करना भी है कि वायु सेना के कर्मियों को रमज़ान के बीच ट्रेनिंग न दी जाए.