हरियाणा में विधानसभा चुनाव के सभी परिणाम आ चुके हैं. 90 सीटों वाली हरियाणा में बहुमत के लिए 46 चाहिए हलाकि यहां बीजेपी 90 में से 40 सीटें जीतकर एक बार फिर सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई है. लेकिन इसके बावजूद बहुमत के आंकड़े से पीछे है. वही दूसरी तरफ कांग्रेस ने 31 सीटें जीतकर राज्य में अपनी पकड़ बनाने के साथ ही स्थिति को सुधार लिया है. वही दुष्यंत चौटाला की नई पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने दस सीटें हासिल करके सभी को आश्चर्य में डाल दिया है।
आपको बता दें हरियाणा में बीजेपी को 40 सीटें मिली हैं, लेकिन सत्ता में पहुंचने के लिए 46 का सीट चाहिए. ऐसे में अब सरकार बनाने के लिए 6 विधायकों की जरूरत है और भाजपा ने अन्य विधायकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. इसी संपर्क में एक ऐसा नाम सामने आया है, जो कभी विवा’दों का हिस्सा था और जिसपर हरियाणा में राजनीतिक बवा’ल हो चुका है।
जी हाँ गोपाल कांडा, गोपाल कांडा वही शख्श है जो एक एयरहोस्टेस के आ’त्मह@त्या करने के मामले में वह जेल की सलाखों के पीछे जा चुका था और अब वो हरियाणा में किंगमेकर साबित हो रहा है। हरियाणा लोकहित पार्टी के उम्मीदवार गोपाल कांडा ने सिरसा से जीत दर्ज की है, लेकिन उनकी इकलौती सीट हरियाणा की सत्ता में अहम भूमिका निभा रही है।
गोपाल कांडा खुद खोल रहे हैं अपना भांडा “इनके पिता जी 1926 से RSS में थे पहला चुनाव भी जनसंघ दीपक से लड़ा था, शीर्ष नेतृत्व से इनकी बात हो गई है भाजपा को समर्थन दे रहे हैं” https://t.co/tvvFH6WW3U
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) October 25, 2019
गुरुवार को नतीजों के बाद गोपाल कांडा और एक अन्य विधायक रंजीत सिंह चौटाला एक चार्टड प्लेन से दिल्ली के लिए रवाना हुए. यहां उन्होंने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और इसी के साथ ये भी तय हो गया कि वह भारतीय जनता पार्टी बीजेपी को समर्थन देने जा रहे हैं।
वही गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा ने कहा है कि वह भाजपा के साथ आ रहे हैं और उनके साथ 5-6 विधायक भी सरकार के साथ आ सकते हैं. ऐसे में अब चर्चा इस बात की चल रही है कि क्या गोपाल कांडा हरियाणा की सरकार में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. राजनीतिक हल्कों में तो इस बात की भी चर्चाएं हैं कि क्या गोपाल कांडा राज्य सरकार में मंत्री बनने जा रहे हैं? या सरकार में अहम भूमिका में होंगे
आपको बता दें साल 2012 में गोपाल कांडा की एयरलाइन कंपनी में काम करने वाली गीतिका शर्मा ने आ’त्मह#त्या कर ली थी. और उसने अपने सुसाइड नोट में गोपाल कांडा का नाम लिया था, जिसके बाद वह राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आए थे. कई दिनों तक अं’डरग्राउं’ड रहने के बाद गोपाल कांडा ने बाद में पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था।
इस मामले में गोपाल कांडा पर दु’ष्क’र्म, आ’त्मह#त्या के लिए उकसाने, आ’पराधि’क सा’जिश रच’ने के आरोप लगे थे. राजनीतिक दबाव में उन्हें सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था. जब भारतीय जनता पार्टी ने सड़कों पर उतर कर गोपाल कांडा के खि’ला’फ प्रदर्शन किया था, सोशल मीडिया पर इस वक्त ऐसी तस्वीरें काफी वायरल हो रही हैं।